मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने शिप्रा शुद्धिकरण के तहत कान्ह डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शनिवार को उज्जैन में शिप्रा किनारे धर्म ध्वजा लहराई और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस दौरान पर उन्होंने मां शिप्रा का पूजन, शिप्रा परिक्रमा, कान्ह डक्ट परियोजना के भूमिपूजन, भैरवगढ़ में खुली जेल का लोकार्पण, जल संरचनाओं को पुनर्जीवन के लिए पौधारोपण, इंडियन कॉफी हाउस का शुभारंभ सहित उज्जैन शहर की झोली में तमाम सौगातें अर्पित की हैं।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने शनिवार दोपहर को उज्जैन के ग्राम डेंडिया स्थित शनि मन्दिर के पास आयोजित 817 करोड़ की लागत से कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना एवं अन्य भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया।
इस मौके पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि कि आज हमारे कई वर्षों का संकल्प मूर्तरूप लेने जा रहा है। हमने सभी सन्तों के साथ यह संकल्प लिया था कि शिप्रा नदी के जल को निर्मल और स्वच्छ बनायेंगे और कान्ह नदी का पानी शिप्रा में मिलने से रोकेंगे। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के माध्यम से अब कान्ह का दूषित जल मां शिप्रा के किसी भी तट पर नहीं मिलेगा। कान्ह का पानी गंभीर नदी के निचले किनारे तक पहुंचाया जायेगा, जिसे भी शुद्धिकरण किया जायेगा और आसपास के किसानों को सिंचाई के लिये पानी मिलेगा।
600 करोड़ रुपये की लागत से आने वाले समय में सेवरखेड़ी में बैराज निर्मित कर शिप्रा का पानी लिफ्ट कर सिलारखेड़ी ले जाया जाएगा और वहां से पुन: शिप्रा में छोड़ा जाएगा। इससे शिप्रा का पानी शिप्रा में ही रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कार्यक्रम में लगभग 598.66 करोड़ की लागत से बनने वाली कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया। इसके अतिरिक्त लगभग 217 करोड़ के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद अनिल फिरोजिया, सांसद राज्यसभा सन्त बालयोगी उमेशनाथ महाराज, विधायकगण अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, जितेन्द्र सिंह पण्ड्या, तेजबहादुर सिंह चौहान, विवेक जोशी, नगर निगम सभापति कलावती यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष कमला कुंवर, शिवानी कुंवर, बहादुर सिंह बोरमुंडला, विशाल राजौरिया, महन्त अनन्त पुरी, महन्त रामेश्वरदास सहित अन्य सन्तजन, तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा, संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के पूर्व रामचंद्र गांगोलिया एवं उनके दल द्वारा कबीर भजनों की प्रस्तुति दी गई।
यह है योजना
उल्लेखनीय है कि इंदौर तथा सांवेर के सीवेज युक्त जल को कान्ह नदी के माध्यम से क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए जमालपुरा ग्राम के समीप कान्ह नदी पर बैराज का निर्माण करते हुए क्लोज डक्ट के माध्यम से जल का गंभीर नदी में गंभीर बांध के डाउन स्ट्रीम में डायवर्ट किया जायेगा।
साथ ही आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए प्रावधानों के अनुसार जल प्रवाह 40 क्यूसेक जल बहाव क्षमता के रूपांकन कार्य किया गया है। जिसमें इंदौर शहर तथा सांवेर शहरी क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्या से आने वाले सीवेज एवं सांवेर जल उद्वहन परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र मे होने वाली सिंचाई से जल के रि-जनरेशन, देवास एसटीपी से आने वाले जल को पंप कर कान्ह नदी में छोड़ते हुए डक्ट के माध्यम से व्यपवर्तित किया जाएगा।
उक्त परियोजना में 100 मीटर लम्बाई में एप्रोच चैनल 28.650 कि.मी. लम्बाई में 4.50 मीटर के डी-आकार में भूमिगत बाक्स तथा अंतिम 100 मीटर लम्बाई में ओपन चैनल निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। परियोजना में निर्माण कार्य की समय-सीमा 42 माह रखी गई है, जिसमें 15 वर्षों का संचालन तथा रखरखाव का प्रावधान किया गया है। डक्ट में शुरुआती तथा अंतिम छोर के अतिरिक्त 4 संख्या में पहुंच मार्ग प्रस्तावित हैं, जिसकी चौड़ाई डक्ट के समान ही 4.5 मी. रखी गई हैं। जिसके माध्यम से डक्ट के अंदर सफाई कार्य जाने हेतु हैवी मशीनरी का भी प्रवेश सुनिश्चित किया जायेगा।
परियोजना समय पर पूर्ण होगी
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि आज पुनीत अवसर है। मैं मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव जी का आभार व्यक्त करता हूं, कई वर्षों की साधना के बाद मां शिप्रा शुद्धिकरण का संकल्प पूरा हो रहा है। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना समय पर पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उज्जैन की सिंचाई क्षमता को 1 लाख 20 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 4 लाख हेक्टेयर की जाएगी। मध्यप्रदेश में पहले जहां मात्र 5 से 6 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी उसे बढक़र अब 47 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिसे 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर किया जाएगा।
स्वसहायता समूहों को दिया अनुदान
मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों के द्वारा मंच से विभिन्न शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत लाभांवित होने वाले हितग्राहियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। इनमें
- बडऩगर के सिद्धिविनायक स्व-सहायता समूह व लक्ष्मी स्व-सहायता समूह तथा घट्टिया के महालक्ष्मी स्व-सहायता समूह को 225 लाख रुपये की राशि सीसीएल योजना के अन्तर्गत
- घट्टिया के शिवशक्ति स्व-सहायता समूह, खाचरौद के जय हनुमान स्व-सहायता समूह, राम आजीविका स्व-सहायता समूह को 335.55 लाख रुपये की राशि सीसीएल योजना के अन्तर्गत
- महिदपुर के बाबा रामदेव स्व-सहायता समूह, निर्मला स्व-सहायता समूह और तराना के श्री गणेश स्व-सहायता समूह को 340 लाख रुपये की राशि सीसीएल योजना के अन्तर्गत
- उज्जैन के अरमान और जय महाकाली स्व-सहायता समूह को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत 25 लाख रुपये की राशि
- समोन्नत मुर्रा पाड़ा योजना के अन्तर्गत जीवनलाल को पशुपालन विभाग द्वारा 77 हजार 456 रुपये, आचार्य विद्या सागर योजना के अन्तर्गत अजय मालवीय को 8 लाख 40 हजार रुपये
- पीएम स्वनिधि योजना के अन्तर्गत आनन्दीलाल वर्मा और केवल जैन को 50-50 हजार रुपये तथा नीतेश जाटवा को 10 हजार रुपये के चेक वितरित किये गये।
सीएम ने उज्जैन को दी 816 करोड़ रु. के विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ.यादव द्वारा 816 करोड़ 69 लाख रुपये की लागत के कुल 41 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया।
- जिनमें 598 करोड़ 66 लाख रुपए की लागत से कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का निर्माण
- 38 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से दताना से नागझिरी मार्ग का निर्माण
- 24 करोड़ 08 लाख रुपए की लागत से तराना में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल भवन में उन्नयन/निर्माण
- 21 करोड़ 07 लाख रुपए की लागत से तरण ताल से देवास रोड वाया कलेक्टोरेट एवं मंगलनाथ से चक कमेड तक मार्ग निर्माण
- 14 करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से घटिया में नवीन शासकीय आईटीआई का निर्माण
- 12 करोड़ 14 लाख रुपए की लागत से उज्जैन में 4 मार्गों का निर्माण
- 9 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से सिंहस्थ अंतर्गत रत्नाखेड़ी, मंगरोला, चांदुखेड़ी, जलालखेड़ी, नागदा मार्ग का निर्माण
- 9 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से जमालपुरा, कोकलाखेडी, नईखेडी सिलोदामोरी मार्ग का निर्माण
- 7 करोड़ 62 लाख रुपए की लागत से चादमुख सिकंदरी गंगेडी ब्रजराज खेडी छायन मार्ग का निर्माण
- 4 करोड़ रुपए की लागत से काल भैरव मंदिर पार्किंग बाउंड्रीवाल, शेड, रेलिंग आदि का निर्माण का भूमिपूजन किया गया।
- इसके अतिरिक्त 22 करोड़ 91 लाख रुपये की लागत से पूर्ण किए गए 23 विकास कार्यों का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया।