सुबह से शयन आरती तक 120 कलाकार की नृत्यांजलि, 36 साल से कर रहे हैं आराधना
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में रविवार को गंगा दशहरा पर रसराज प्रभात नृत्य संस्था की ओर से 16 घंटे लगातार नृत्य आराधना की जा रही है। नृत्यांजलि सुबह की आरती के बाद प्रारंभ हुई, जो शयन आरती तक चलेगी। भगवान महाकाल के दरबार में प्रतिवर्ष होने वाली नृत्य की आराधना का यह 36 वां वर्ष है। नृत्य आराधना 120 कलाकारों का दल कर रहा है।
रसराज प्रभात नृत्य संस्था द्वारा बीते 36 साल से भगवान महाकाल के आंगन में नृत्यांजलि का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे नृत्य के माध्यम से भगवान शिव की आराधना करते है। करीब 16 घंटे तक चलने वाली नृत्यांजलि में गणेश वंदना, शिव स्तुति, माता स्तुति, प्रभु महिमा के साथ-साथ लोकगीत भजन आदि पर नृत्य की प्रस्तुति दी जा रही है।
कार्यक्रम में संजय महाजन, ग्रीष्मा जैन एवं मृणालिनी चौहान भी अपने दल के साथ प्रस्तुति दे रहे हैं। मानस शर्मा नृत्य, गायन व वादन, अनुराग गोमे हारमोनियम-गायन, हर्ष यादव, वैभग भावसार और पार्थ तबले पर, भार्गवी, प्रद्योत सिंथेसाईजर और मानसी शर्मा गायन में संगत कर रही हैं।
संस्था के कलाकार अवनि, अंशिका, प्रियांशी, रिया, अदिति, काव्या, वाणी, दिव्यांशी, ऋचा, सुदर्शन, मुस्कान, जेसिका, विद्या, मन्नत, दीपा, राखी, दिव्यांश, देवाशीष, हर्षित, गीतांशी, पारूल, जया, राखी, खुशबू, युग भार्गव, राजवीर सिंह बैस अपनी रंगारंग प्रस्तुति से भगवान महाकालेश्वर के चरणों में नृत्यांजली अर्पित कर रही हैं।