भोपाल। शिवराज सरकार ने नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव से ठीक पहले कर्मचारी और किसान जैसे बड़े तबके को साधने पर फोकस किया है। अगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) 13% तक बढ़ाने का प्रावधान करने की तैयारी है। वित्त विभाग ने सभी विभागों से जानकारी लेकर 25% डीए करने के हिसाब से होमवर्क कर लिया है। हालांकि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेना है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि शिवराज सरकार विधानसभा में 2 मार्च को बजट पेश कर सकती है। इसमें किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं करने की तैयारी कर ली है। मोदी सरकार ने किसानों को सालाना 6 हजार रुपए सम्मान निधि देने की योजना पिछले साल शुरू की थी। शिवराज सरकार ने इसे मध्य प्रदेश में इसे बढ़ाकर 4 हजार रुपए बढ़ा कर 10 हजार रुपए कर दी थी। मध्य प्रदेश सरकार अब इसे अगले एक साल के लिए बढ़ाने जा रही है। इसके अलावा किसानों को बिना ब्याज पर शाॅर्ट टर्म लोन (अल्पावधि ऋण) की याेजना को भी निरंतर करने का निर्णय लिया गया है। इससे सरकार पर 800 करोड़ का सालाना भार आएगा। इससे सरकार 80 लाख किसानों के परिवार पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
वर्तमान में कर्मचारियों को मिल रहा 12% डीए
वर्तमान में कर्मचारियों को 12% डीए मिल रहा है, लेकिन वित्त विभाग ने इसे बढ़ा कर 25% तक करने की गणना कर ली है। इसे लागू किया जाता है तो कर्मचारियों को 13% डीए का लाभ मिल जाएगा। लेकिन, जुलाई 2019 में घोषित किए गए 5% डीए का एरियर मिलने की उम्मीद नहीं है। पहले कमलनाथ सरकार ने इसे लटकाया, अब कोविड के कारण शिवराज सरकार भी इस पर कोई चर्चा नहीं कर रही, क्योंकि सरकार पर 1200 करोड़ का भार आएगा।
केंद्र सरकार ने जुलाई 2019 का एरियर दे दिया है यानी ताजा हालात में केंद्रीय कर्मचारियों को 17% और मप्र के अधीन कर्मचारियों को 12% डीए मिल रहा है। जुलाई 2019 से इसमें 5% की वृद्धि की गई थी, लेकिन भुगतान के आदेश मार्च 2020 में जारी हुए थे। लेकिन, कोरोना संकट को देखते हुए भुगतान पर रोक लगा दी गई थी और जनवरी और जुलाई 2020 में बढ़ोतरी नहीं की गई। कुल मिलाकर जुलाई 2019 में 5% और जनवरी 2020 में 4% और जुलाई 2020 में भी 4% यानी 13% डीए मिलने का कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं।
इंक्रीमेंट जुलाई 2021 में देने पर विचार
मप्र के कर्मचारियों का जुलाई 2020 में इंक्रीमेंट रुक गया है। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि बजट की स्थिति देखने के बाद जुलाई 2021 में इसे देने पर विचार होगा। तब तक का करीब 900 करोड़ रुपए एरियर भी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।
सरकारों की गफलत में फंस चुका है कर्मचारी
नीतिगत तौर पर जब भी केंद्र सरकार डीए की घोषणा करती है तो राज्य भी उसे अपने कर्मचारियों के लिए लागू करती है। लेकिन प्रदेश में डीए और उसके एरियर को लेकर काफी गफलत है। वर्ष 2004 से 2012 के बीच कभी भी प्रदेश के कर्मचारियों को डीए का एरियर नहीं दिया गया। यानी केंद्र ने जनवरी से डीए दिया तो राज्य के कर्मचारियों को यह लाभ अप्रैल के महीने में मिला। इन 3 महीनों में बढ़े हुए एरियर की राशि कर्मचारियों के खाते में नहीं डाली गई। यह स्थिति लगातार 108 महीनों तक प्रदेश में हुई। इन महीनों के 10 हजार करोड़ रुपए का बकाया एरियर कर्मचारियों को तो मिला ही नहीं।
ऐसे तय होता है डीए
देशभर के करीब पौने दो करोड़ शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों (केंद्र और राज्यों) का जनवरी और जुलाई के महीने में महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा,यह प्राइज इंडेक्स के आधार पर तय होता है। देश के 150 जगह के प्राइज इंडेक्स संग्रहित करके इसे तय किया जाता है। मप्र से इन जगहों में भोपाल, मंडीदीप, इंदौर, पीथमपुर, ग्वालियर, मालनपुर, जबलपुर और छिंदवाड़ा (चांदामेटा तथा परासिया) शामिल हैं। इन स्थानों के प्रमुख चिह्नित बाजारों से फुटकर वस्तुएं जो रोजमर्रा के जीवन में लोगों के उपयोग में शामिल हैं, उनकी कीमतें ली जाती हैं। इन कलेक्शन को हर सप्ताह लेबर ब्यूरो शिमला भेजा जाता है। कितनी महंगाई बढ़ी,उस हिसाब से डीए तय होता है।
बिजली की सब्सीडी किसानों के खाते में डालने की योजना
किसानों को बिजली की सब्सिडी का भुगतान उनके खाते में करने संबंधी योजना की घोषणा हो सकती है। यह व्यवस्था प्रयोग के तौर पर कुछ जिलों में लागू करने की तैयारी है। यह योजना विदिशा जिले में लागू की गई है। कस्टम हायरिंग सेंटर का विस्तार, कृषि उपज मंडियों की आय बढ़ाने के कदम, किसानों की आय बढ़ाने के लिए ई-मंडियां, भंडारण क्षमता में वृद्धि, सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप और सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी देने के प्रस्ताव बजट में शामिल किए गए हैं।