नर्मदा परियोजना का दफ्तर भी उज्जैन शिफ्ट होगा ताकि पेयजल-ड्रेनेज प्रबंधन पर शुरू हो सके काम
उज्जैन, अग्निपथ। धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के संचालनालय को उज्जैन ट्रांसफर करने के बाद डॉ. मोहन यादव की सरकार ने अब भोपाल से एक और दफ्तर को उज्जैन शिफ्ट कर दिया है। इस दफ्तर की शिफ्टिंग उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर की जा रही है।
यह दफ्तर भोपाल शहर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी नर्मदा परियोजना डिवीजन नंबर एक एवं उसके अधीन सब डिवीजन नंबर 3 है। इन दफ्तरों को स्टाफ समेत ट्रांसफर किया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने पीएचई विभाग के अमले को सिंहस्थ-2028 पेयजल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिये उज्जैन स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग द्वारा सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए पेयजल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों की प्लानिंग, एग्जीक्यूशन, संचालन एवं संधारण के लिए यह व्यवस्था तय की गई है।
बताया गया कि सिंहस्थ की तैयारियों को प्राथमिकता में रखने के मद्देनजर उज्जैन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एक डिवीजन कार्यालय की आवश्यकता बताई गई। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर भोपाल के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी नर्मदा परियोजना डिवीजन क्रमांक-1 एवं उसके अधीन सब डिवीजन क्रमांक 3 को अमले सहित उज्जैन में अस्थाई रूप से स्थानांतरित किया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सिंहस्थ परियोजना खण्ड उज्जैन रहेगा नया नाम
इस डिवीजन एवं सब डिवीजन का नाम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सिंहस्थ परियोजना खण्ड उज्जैन होगा। इसका मुख्यालय उज्जैन में होगा। सिंहस्थ डिवीजन उज्जैन के अंतर्गत संपूर्ण उज्जैन में सिंहस्थ के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के जल प्रदाय और जल-मल निकासी संबंधी नवीन कार्ययोजना, निर्माण कार्य, संचालन एवं संधारण का कार्य करेगा। इन सभी कार्यों से सिंहस्थ के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को पेयजल सुविधा आसानी से प्राप्त होंगी तथा जल-मल निकासी की उपयुक्त सुविधाएं होने पर स्वच्छता भी बनी रहेगी।