खबर का असर: एसआईएस कंपनी ने रुपए वसूलने वाले सुरक्षाकर्मी को किया नौकरी से बर्खास्त

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षाकर्मियों द्वारा दर्शन कराने के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ लूटपाट का खेल किया जा रहा है। सोमवार को ठगाए श्रद्धालुओं का वीडियो मंदिर के अधिकारियों के पास पहुंच गया था। वहीं मंगलवार को नासिक से आए श्रद्धालुओं से पैसा वसूलने का समाचार दैनिक अग्निपथ में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद सुरक्षाकर्मी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। उसका रजिस्टे्रशन नंबर और आईडी वापस ले ली गई।

दैनिक अग्निपथ ने मंगलवार को प्रकाशित अंक में…‘नासिक के श्रद्धालुओं से दर्शन करवाने के नाम पर सुरक्षाकर्मी ने वसूले 800 रुपये’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसका असर देखने में आया। सुबह उसको नौकरी पर आने के बाद एसआईएस कंपनी के इंदौर स्थित कार्यालय में तलब किया गया। उससे रजिस्ट्रेशन नंबर और आईडी वापस लेकर नौकरी से बाहर कर दिया गया।

ज्ञातव्य रहे कि महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती काउंटर पर तैनात सुरक्षाकर्मी महेश परमार द्वारा नासिक से आए श्रद्धालु प्रकाश गायकवाड़ सहित अन्य 5 लोगों से दर्शन कराने के नाम पर 800 रुपए वसूल कर लिए गए थे। लेकिन सुरक्षाकर्मी द्वारा केवल एक गलती कर दी गई जिसका परिणाम उसको भुगतना पड़ा। श्रद्धालुओं के पास मोबाइल नहीं होने के चलते मैसेज के जगह उनको मैसेज की प्रिंट पर्ची प्रदान कर फैसिलिटी सेंटर पर दर्शन के लिए भेज दिया गया था।

मैसेज नहीं होने पर जब श्रद्धालुओं द्वारा गेट पर तैनात पुलिसकर्मी तरुण शर्मा और मंदिर के गेट निरीक्षक लश्करी को जब प्रिंटआउट पर्ची दिखाई तो उन्होंने श्रद्धालुओं को रोक लिया और पूछताछ की तो सच्चाई सामने आ गई।

अधिकारियों तक पहुंचा वीडियो

महाकालेश्वर मंदिर के अधिकारियों के पास वायरल हुआ वीडियो सोमवार को ही पहुंच चुका था। लिहाजा मंगलवार की सुबह ड्यूटी पर आए सुरक्षाकर्मी परमार को नौकरी से बर्खास्त करते हुए उसको एसआईएस कंपनी के हेड ऑफिस तलब कर लिया गया।

सुरक्षाकर्मी ने रुपये किए वापस

सुरक्षाकर्मी महेश परमार द्वारा श्रद्धालुओं से लिए गए रुपए वापस कर दिए गए और क्षमा मांग ली गई। श्रद्धालुओं ने उनको दी गई प्रिंट आउट पर्ची भी सुरक्षाकर्मी को वापस कर दी। लेकिन इसकी जानकारी दैनिक अग्निपथ को मिल चुकी थी। लिहाजा उसने श्रद्धालुओं से जब इस बारे में पूछा तो श्रद्धालुओं ने अपने साथ घटित घटना को उजागर कर दिया और यह भी प्रार्थना की कि उस सुरक्षा कर्मी की नौकरी पर किसी तरह का कोई असर नहीं होना चाहिए। बाद में श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भगवान महाकाल के दर्शन मंदिर प्रबंध समिति के कर्मचारियों द्वारा कराए गए।

सुरक्षा प्रभारी को कंपनी पर दिखाना होगी सख्ती

सुरक्षा प्रभारी दिलीप बामनिया द्वारा सुरक्षाकर्मियों पर नकेल नहीं कसी जा रही। जिसके चलते वे निरंकुश हो गए हैं। उनका ढीलापोला रवैया देखकर सुरक्षाकर्मी उनको अपने आगे कुछ मान ही नहीं रहे। एक कारण सुरक्षाकर्मियों को तीन माह का वेतन बकाया होना भी सामने आया है। सुरक्षा प्रभारी को एसआईएस कंपनी को तीन माह का बकाया वेतन देने के लिए कंपनी पर सख्ती करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। जिसके चलते सुरक्षाकर्मियों में उनका खौफ नहीं है।

इनका कहना है

सुरक्षाकर्मी को नौकरी से निकाल दिया गया है। -अरविंदसिंह, ब्रांच हेड एसआईएस कंपनी

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