उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में विशेष यात्रा के दौरान भगवान का पंचामृत अभिषेक
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में भगवान जगन्नाथ की यात्रा से पहले इस्कॉन मंदिर पर ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शनिवार को ऐसा विशेष अनुष्ठान हुआ, जिसके बाद भगवान जगन्नाथ बलदेव और सुभद्रा महारानी बीमार हो गए। इस कारण इस्कॉन मंदिर के जग्गनाथ जी के मंदिर को बंद करना पड़ा है। अब करीब 14 दिन बाद रथ यात्रा के आगमन पर मंदिर को खोला जाएगा। आज पूजन में उज्जैन कमिश्नर संजय गुप्ता परिवार के साथ सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद उमेश नाथ, अवधेश पुरी महाराज निर्वाणी अखाड़ा, स्वामीनारायण मंदिर के आनंद जीवन प्रभु जी शामिल हुए।
मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया कि पूर्णिमा पर सुबह स्नान यात्रा महोत्सव की शुरुआत शनिवार सुबह 4.30 बजे मंगल आरती से हुई। सुबह 7.25 बजे दर्शन आरती, 8 बजे जगन्नाथ कथा 8.50 बजे पांडू विजय के साथ भगवान को स्नान वेदी पर फिर 9.30 बजे से अभिषेक की शुरुआत की गई थी। दोपहर 1 बजे गजभेश में दर्शन शाम 7 बजे प्रसाद वितरण होगा। इसके बाद जग्गनाथ जी का मंदिर आगामी 14 दिन के लिए बंद रहेगा।
राघव दास ने बताया कि इस अनुष्ठान के दौरान भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की पूरी भक्ति और समर्पण के साथ पूजा की जाती है। बड़ी संख्या मे श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। यात्रा महोत्सव के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ सहस्त्रधारा स्नान किया।
मान्यता है कि पूर्णिमा स्नान में ज्यादा नहाने के कारण भगवान बीमार हो जाते हैं, इसलिए उनका उपचार किया जाता है। इस दौरान उन्हें कई औषधियां दी जाती हैं। इसके बाद 14 दिन तक भगवान के दर्शन नहीं किए जा सकेंगे। इस दौरान जगन्नाथ मंदिर के कपाट भी बंद रहेंगे। 15वें दिन मंदिर के कपाट खोले जाएंगे और फिर जगन्नाथ रथ यात्रा का प्रारंभ होगा।