नगर पुलिस अधीक्षक नागदा ने सीएमएचओ को कराया अवगत, माधव नगर अस्पताल प्रभारी ने दिया कारण बताओ नोटिस
उज्जैन, अग्निपथ। मेडिसीन के डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए महिदपुर में पदस्थ डॉ. जयवर्धन वर्मा को उज्जैन पदस्थ किया गया था, ताकि यहां मेडिसीन के डॉक्टर्स की कमी को दूर किया जा सके। लेकिन उनके द्वारा ना तो अपनी ड्यूटी बजाई जा रही है और ना ही वीआईपी ड्यूटी में उपस्थिति दी जा रही है। लिहाजा उनको माधव नगर अस्पताल प्रभारी ने कारण बताओ नोटिस दिया है। जिसमें 24 घंटे में इसका स्पष्टीकरण देने के निर्देश प्रदान किये हैं। ज्ञात रहे कि डा. वर्मा शुक्रवार को राज्यपाल की कारकेट ड्यूटी में भी नहीं पहुंचे थे।
उज्जैन के जिला अस्पताल में केवल दो डॉक्टर्स मेडिसीन के पदस्थ हैं, जिनमें डॉ. एचपी सोनानिया और डॉ. अजय निगम हैं। वहीं माधव नगर अस्पताल में भी केवल दो डॉक्टर्स डॉ. जयवर्धन वर्मा और एक अन्य डॉक्टर पदस्थ हैं। लेकिन डॉ. वर्मा अक्सर अपनी ड्यूटी से नदारद रहते हैं। लिहाजा यहां पर मरीजों को परेशानी झेलना पड़ती है।
जानकारी में आया है कि वह इस दौरान देवास रोड स्थित निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देते हैं। 27 जून को भी यही हुआ। माधव नगर अस्पताल प्रभारी द्वारा सुबह निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान डॉ. वर्मा अनुपस्थित पाये गये, जिसके कारण चिकित्सालय की इमरजेन्सी में आये मरीजों को तत्काल उपचार प्राप्त करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। कारण बताओ नोटिस में प्रभारी माधव नगर द्वारा चेतावनी जारी करते हुए कहा गया कि आपके इस कृत्य के कारण चिकित्सालय की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं तथा यह कृत्य घोर कदाचरण की श्रेणी में आता है।
इस सम्बन्ध में आप अपना स्पष्टीकरण 24 घण्टे के अन्दर प्रस्तुत करें। अत: आपको चेतावनी देते हुए यह सूचित किया जाता है कि चिकित्सालय ड्यूटी पर आप ड्यूटी से प्रस्थान नहीं करें। अन्यथा वरिष्ठालय एवं वरिष्ठ कार्यालय द्वारा आपके विरूद्ध होने वाली एकतरफा कार्रवाई के लिये आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
माधव नगर अस्पताल में कराया तबादला
डॉ. वर्मा पूर्व में महिदपुर में पदस्थ थे। जिला अस्पताल उज्जैन में मेडिसीन स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की बेहद कमी थी। इस दौरान डॉ. एचपी सोनानिया माधव नगर अस्पताल में पदस्थ थे। डॉ. अनिल निगम भी सेवानिवृत्त हो चुके थे। लिहाजा उनका तबादला जिला अस्पताल में किया गया ताकि यहां पर आये ढेरों मरीजों को सही तरह से इलाज मिल सके। लेकिन कुछ दिन काम करने के बाद उनका तबादला जिला अस्पताल से माधव नगर कर दिया गया। वहीं डॉ. सोनानिया को माधव नगर से जिला अस्पताल पदस्थ कर दिया गया। डेपुटेशन पर सेवानिवृत्त अनिल निगम की भी सेवाएं ली जाने लगीं। ज्ञात रहे कि माधव नगर अस्पताल में मरीजों की संख्या जिला अस्पताल के बनिस्बद कम रहती है।
मामले में जानकारी के लिये सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
नगर पुलिस अधीक्षक नागदा ने सीएमएचओ से की शिकायत
कर्नाटक राज्यपाल थावरचंद गेहलोत 28 जून को नागदा आये हुए थे। कारकेट व्यवस्था में लगी एम्बुलेंस में मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर जयवर्धन वर्मा की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। जिन्हें एंबुलेंस टीम के अन्य सदस्यों द्वारा बारबार उनको खबर करने पर भी वह नहीं आए।
नगर पुलिस अधीक्षक नागदा जोकि कारकेट प्रभारी भी थे, उनके द्वारा भी उन्हें मोबाइल लगाने पर उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। जिस पर उनके द्वारा सीएमएचओ उज्जैन डॉ. अशोक वर्मा को भी सूचित किया गया। वीआईपी के आगमन व्यवस्था का समय नजदीक होने से बिना मेडिकल मेडिसिन स्पेशलिस्ट के कारकेट लेकर वह रवाना हो गये।
उनके द्वारा लिखे गये अपने मैसेज में कहा गया कि, मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर का वीआईपी ड्यूटी में उपस्थित न होना, वीआईपी की स्वास्थ्य सुरक्षा में खतरा बन सकता है। पूर्व में भी कई बार महामहिम राज्यपाल महोदय कर्नाटक की व्यवस्था में लगी मेडिकल टीम में मेडिसिन डॉक्टर के स्थान पर अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। जानकारी में आया है कि करीब डेढ़ घंटे बाद डॉ. वर्मा नागदा पहुंचे थे।