सामान्य कोच से चलने लगी महाकाल एक्सप्रेस

Mahakal Kashi Train

उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर से उज्जैन होते हुए वाराणसी के बीच चलने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस 25 जून से अनारक्षित यानी सामान्य कोच के साथ चलने लगी है। वाराणसी से उज्जैन आने वाली ट्रेन में यह सुविधा 25 जून से शुरू की गई थी, जबकि उज्जैन से वाराणसी के लिए यह सुविधा 26 जून से शुरू हुई है। काशी महाकाल एक्सप्रेस में रेलवे चार सामान्य कोच लगा रहा है। छोटी दूरी की यात्रा करने वालों या बगैर कन्फर्म टिकट के यात्रा करने वालों के लिए यह बड़ी सुविधा है।

रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन नंबर 20415 वाराणसी-इंदौर (बरास्ता प्रयागराज) में 30 जून और ट्रेन नंबर 20416 इंदौर-वाराणसी काशी महाकाल एक्सप्रेस (प्रयागराज होकर) में 1 जुलाई से सामान्य श्रेणी के कोच लगाए जाएंगे। बता दें कि पहले काशी महाकाल एक्सप्रेस को हमसफर के रैक से चलाया गया था और यह देश की चुनिंदा प्राइवेट ट्रेनों में शामिल थी।

शुरुआत में इसमें सारे कोच थर्ड एसी श्रेणी के थे। हालांकि, ज्यादा किराए के कारण यह ट्रेन ज्यादा सफल नहीं हुई और कोरोना काल में बंद कर दी गई। बाद में इसे दोबारा चालू किया गया और इसमें कुछ स्लीपर कोच जोड़े गए थे। अब यह ट्रेन पूरी तरह सफल है। सामान्य श्रेणी के कोच लगने के बाद इसकी उपयोगिता और बढ़ेगी।

ग्वालियर के लिए इंदौर-उज्जैन से नई ट्रेन का रेलवे बोर्ड ने किया इंकार

उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने पिछले साल रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर मांग की थी की इंदौर से उज्जैन होते ग्वालियर के बीच नई ट्रेन चलाई जाए। जो की सुबह ग्वालियर से चल कर इंदौर आ जाए और दोपहर में वापस इंदौर से निकलकर ग्वालियर रवाना हो जाए।

सांसद की इस मांग पर जब आरटीआई एक्टिविस्ट ने रेलवे बोर्ड से जवाब मांगा तो बोर्ड से जवाब आया की इस रूट पर नई ट्रेन चलाना फिजिबल नहीं है। बोर्ड के जवाब के बाद रेलवे विशेषज्ञों का मानना है कि अब इस रूट पर नई ट्रेन चलने की संभावना अब ना के बराबर हो गई है।

इंदौर से ग्वालियर के लिए वर्तमान में ट्रेन रतलाम-ग्वालियर/भिंड एक्सप्रेस रोजाना चलने वाली इकलौती ट्रेन है। यह ट्रेन अधिकांश समय हाउसफुल चलती है। सांसद लालवानी ने इस ट्रेन की आक्युपेंसी हाई देखते हुए रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा था की इंदौर से देवास, उज्जैन, मक्सी, शाजापुर, ब्यावरा, गुना और शिवपुरी होते हुए एक डे टाइम इंटरसिटी चलाई जाए, ताकि लोगों को ऑप्शनल ट्रेन मिल सके।

यह ट्रेन सुबह जल्दी ग्वालियर से चले और दोपहर तक इंदौर आए और इंदौर स्टेशन पर कुछ समय ठहर कर रात में ग्वालियर पहुंच जाए। बता दें कि इंदौर-ग्वालियर के बीच काफी ट्रैफिक है और रोजाना इक्का-दुक्का ट्रेन होने से लोगों को कन्फर्म बर्थ नहीं मिल पा रहे है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर लालवानी का कहना है कि वह जल्द ही इस मामले को लेकर एक बार फिर रेल मंत्री से मुलाकात करेंगे।

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