दैनिक अग्निपथ ने दिया था राज्यपाल के कारकेट में शामिल नहीं होने का हवाला, ड्यूटी पर से भी रहते थे रोज नदारद
उज्जैन, अग्निपथ। दैनिक अग्निपथ ने अपने 29 जून के अंक में माधव नगर अस्पताल में पदस्थ मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर जयवर्धन वर्मा के द्वारा अपनी ड्यूटी करने की जगह देवास रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ड्यूटी करने बाबत संबंधी समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें यह भी बताया गया था कि उक्त डाक्टर राज्यपाल सहित अन्य वीवीआईपी के कारकेट में नहीं शामिल होकर उनके स्वास्थ्य स्थितियों के प्रति खतरा पैदा कर रहा था।
दैनिक अग्निपथ में समाचार प्रकाशित होने के बाद इसी दिन स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन संभाग डॉ. दीपक पिप्पल ने मामले पर एक्शन लेते हुए डॉ. जयवर्धन वर्मा जो की मेडिकल स्पेशलिस्ट हैं, उनका तबादला महिदपुर कर दिया। हालांकि महिदपुृर के सिविल हास्पीटल में डॉक्टर्स की कमी का हवाला पत्र में दिया गया है। याद रहे कि डॉक्टर वर्मा की मूल पद स्थापना महिदपुर में हुई थी, जिसको यथावत रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुन: उनकी पदस्थापना महिदपुर में कर दी है।
डॉ. वर्मा को महिदपुर से उज्जैन इसलिये लाया गया था क्योंकि जिला अस्पताल सहित माधव नगर अस्पताल में मेडिकल स्पेशलिस्ट की कमी बनी हुई थी। आज भी इसकी कमी बनी हुई है, लेकिन डॉ. वर्मा को जिला अस्पताल में पदस्थ किया गया तो उनको यहां पर मरीजों को बड़ी संख्या में देखना पड़ रहा था और उनकी निजी प्रेक्टिस भी नहीं हो पा रही थी। लिहाजा उन्होंने जोड़तोड़ कर अपना तबादला माधव नगर अस्पताल करवा लिया था।
यहां पर जिला अस्पताल के बनिस्बत कम संख्या में मरीज इलाज करवाने पहुुंचते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए उन्होंने ड्यूटी आवर्स के दौरान ही देवास रोड स्थित एक निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देना शुरू रखा था।
वीवीआईपी के स्वास्थ्य के प्रति पैदा कर रहा था खतरा
जिले में मेडिकल स्पेशलिस्ट की कमी होने के कारण डॉक्टर जयवर्धने वर्मा को राज्यपाल और मुख्यमंत्री जैसे वीवीआईपी के कारकेट में लगी एंबुलेंस में बतौर स्पेशलिस्ट तैनात किया जाता था, लेकिन उनके द्वारा अपनी ड्यूटी को गंभीरता से नहीं लिया जाकर निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देकर इन ड्यूटियों को नजरअंदाज किया जाता था। आखिरकार यह गाज डॉक्टर वर्मा नहीं तो स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर आगामी दिनों में गिरना लाजमी था। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्थिति को भांपकर उनका तबादला पुन: महिदपुर कर दिया।
नगर पुलिस अधीक्षक भी हो गये थे परेशान
नागदा के नगर पुलिस अधीक्षक भी वीवीआईपी कारकेट में मेडिकल स्पेशलिस्ट के उपस्थित नहीं होने से पहले से ही नाराज चल रहे थे। स्वास्थ्य विभाग पूर्व में भी मेडिकल स्पेशलिस्ट की जगह दूसरे डॉक्टर्स को भेजकर मामले की इतिश्री कर रहा था। ऐसे में राज्यपाल कर्नाटक थावरचंद गेहलोत के 28 जून को नागदा आगमन पर जब मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. जयवर्धन वर्मा नहीं पहुंचे तो उन्होंने सीएमएचओ उज्जैन डॉ. अशोक पटेल को मैसेज कर सूचित किया था कि हर बार की तरह इस बार भी मेडिकल स्पेशलिस्ट वीवीआईपी के कारकेट में नहीं पहुंचा है। जोकि इनके स्वास्थ्य के प्रति घोर लापरवाही प्रदर्शित कर रहा है।