सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले को बचाने में लगे अफसर, लोकायुक्त में शिकायत

नलखेड़ा के तहसीलदार व सीएमओ पर हो सकती है कार्रवाई

उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश में सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है, लेकिन नलखेड़ा में एक शख्स से फर्जीवाड़ा कर बेशकिमती सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली। खास बात यह है कि दो अफसर निजी हित के चलते कब्जाधारी को बचाने में लगे हुए हैं। गुरुवार को शिकायत होने पर लोकायुक्त ने मामला संज्ञान में लिया है।

नलखेड़ा स्थित वार्ड 2 निवासी ओमप्रकाश उर्फ देवेंद्र कसेरा ने लोकायुक्त को दिए आवेदन में दिया है। शिकायत में लिखा की गांव के ही अब्दुल हकीम ने करीब 10 साल से सरकारी जमीन पर कब्जा कर मार्ग तक रोक रखा है। वर्ष 2014 से शिकायत करने के बावजूद उसने अधिकारियों की मिलीभगत से रजिस्ट्री व नामांतरण करवा लिया। जांच के बाद पूर्व प्रशासक संजीव सक्सेना ने 18 जनवरी 2021 को नामांतरण निरस्त करने के आदेश दे दिए। बावजूद तहसीलदार व आशीष अग्रवाल व सीएमओ रामचंद्र शिंदल अतिक्रमण हटाने की जगह उसकी मदद कर रहे हैं। आगर कलेक्टर तक को शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं होने के कारण लोकायुक्त में शिकायत करना पड़ी। इस संबंध में अग्रवाल व शिंदल को मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

अफसरों को पड़ सकता है भारी

जानकारी के बावजूद सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त नहीं करना पद की अवेहलना की श्रेणी में आता है। ऐसी स्थिति में लोकायुक्त शिकायत की प्राथमिक सत्यता के बाद जांच प्रकरण दर्ज करने के लिए मुख्यालय को प्रतिवेदन भेजेगी, जिस पर मुख्यालय भ्रष्टाचार के लिए पद के दुरुपयोग का केस दर्ज करने के आदेश दे सकता है।

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