उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्राचीन द्वार पर विराजित प्राचीन सती माता की प्रतिमा की स्थापना नवरात्रि के दौरान नए मंदिर में की गई।
श्री महाकाल मंदिर परिसर के नए स्वरूप के कारण जगह-जगह तोडफ़ोड़ हुई थी, जिसके तहत प्राचीन गेट पर विराजित अति प्राचीन सती माता का मंदिर भी तोड़ा गया था। उस वक्त माता की प्रतिमा को अस्थाई रूप से जूना महाकाल मंदिर के सामने एक अस्थाई टीनशेड बनाकर स्थापित किया गया था। अब वहीं पर एक पक्का मंदिर बना दिया गया है जहां पर नवरात्रि के दौरान सोमवार को माता की प्रतिमा की स्थापना की गई।
मंदिर के पुजारी चेतन शर्मा ने बताया कि अति प्राचीन सती माता की प्रतिमा गुप्त नवरात्रि में घट स्थापना के साथ नए स्थान पर विराजित की गई है। सदगुरुदेव प्रद्युमनदास उदासीन जयपुर के मार्गदर्शन में पूजन किया गया। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश गुरू, महाकालेश्वर मंदिर पीठाधीश्वर विनीत गिरी महाराज, राम मुनि जी उदासीन बड़ा अखाड़ा, ओंकार दास महाराज, लोकायुक्त एसपी आलोक विश्वकर्मा, महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, समाजसेवी बाबू यादव सहित विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के सदस्य एवं भक्तगण मौजूद थे।
आचार्य जगदीश चंद्र भट्ट के नेतृत्व में पूजन कार्य किया गया। अंत में कन्या पूजन, हवन, पूर्णाहुति, और भोजन-प्रसादी का आयोजन किया गया।