पिछले दिनों नगर निगम ने दो दर्जन से अधिक कुत्ते पकडऩे का दावा किया था, फिर भी मंदिर से संख्या नहीं हुई कम
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में पिछले 10 दिनों में कुत्ते द्वारा दर्शनार्थियों पर हमले की दो घटनाएं हो चुकी हैं, इसके बाद भी प्रशासन मंदिर क्षेत्र से कुत्तों को हटाने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है। आज भी मंदिर क्षेत्र में कुत्ते घूम रहे हैं। दस दिन बाद सावन माह शुरू हो जायेगा और दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ जायेगी। ऐसे में प्रशासन न तो कुत्तों को वहां से हटा पायेगा और न ही हमले की घटनाएं थमेगी।
पिछले पंद्रह दिनों में दो मौके ऐसे आये जब मंदिर में घूम रहे कुत्तों ने दर्शनार्थियों पर हमला किया हो। दिल्ली की एक महिला डॉक्टर जूही सारस्वत और हाल ही में दक्षिण भारत के एक दर्शनार्थी पर कुत्ते ने हमला कर दिया था, जिससे उनके पेट में घाव हुआ था।
इन दो घटनाओं के बाद नगर निगम ने दावा किया था कि मंदिर परिसर से 22 कुत्तों को पकडक़र बाहर किया है। नगर निगम का दावा कितना सही है, इसका जवाब मंदिर परिसर में खुलेआम घूम रहे कुत्ते खुद ही दे रहे हैं। आज भी मंदिर के विश्राम धाम, आम दर्शनार्थियों के प्रवेश करने वाले बेरिकेड्स, मंदिर परिसर आदि क्षेत्र में कुत्ते खुलेआम घूमते दिखाई दे रहे हैं।
मंदिर कर्मचारियों ने बताया कि मंदिर परिसर में निर्माणाधीन क्षेत्रों में इन कुत्तों ने अपना आशियाना बना लिया है। इन क्षेत्रों में कोई आता जाता नहीं है, इस कारण इन्होंने वहां अपना ठिकाना बना लिया है। भूख लगने पर बाहर निकलते हैं और दर्शनार्थियों के हाथ में प्रसाद या अन्य खाद्य सामग्री देखकर उस पर झपटते हैं।
सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। जिसमें मात्र १०-११ दिन बचे हैं। इस दौरान मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ जुटेगी। हालांकि वीक एंड की भीड़ तो 19 जुलाई से ही आना शुरू हो जायेगी। इसके पहले ही नगर निगम को मुस्तैदी से मंदिर क्षेत्र में घूम रहे कुत्तों को बाहर करना होगा। भीड़ बढऩे के बाद मंदिर क्षेत्र से कुत्ते पकडऩा मुश्किल होगा। भीड़ अधिक देख उस दौरान कुत्ते और अधिक आक्रामक भी हो सकते हैं।