एटलस चौराहा, केडी गेट, फ्रीगंज, दशहरा, ढांचा भवन, निकास चौराहा, बेगमबाग सहित कई कालोनियों में पानी भरा
उज्जैन, अग्निपथ। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात की वजह से मध्य प्रदेश में मानसून की गतिविधियां अब बढऩे लगी हैं। कई जिलों में वर्षा से इसके संकेत मिल गए। मंगलवार को भी मौसम विभाग ने अधिकांश जिलों में वर्षा का अनुमान जताया था। अब 19 जुलाई से प्रदेश में अच्छी वर्षा के संकेत मिल रहे हैं।
उज्जैन में सुबह 6.15 बजे से तेज बारिश का दौर चलता रहा। मौसम विज्ञानियों का मानना है, अधिकांश जिलों में इसके बाद तीन से चार दिन तक मध्यम से तेज वर्षा संभव है। मंगलवार की सुबह हुई बारिश की वजह से तापमान में नरमी आई।
तेज बारिश का इंतजार कर रहे उज्जैन शहर में मंगलवार सुबह खूब तेज पानी गिरा। तडक़े से ही आसमान में घने काले बादल थे, जो 2 घंटे तक झमाझम बरसे। इसके बाद धूप खिल आई। बारिश के पानी से शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया। शहर के नीलगंगा, एटलस चौराहा, केडी गेट, फ्रीगंज, दशहरा मैदान, बेगमबाग, ढांचा भवन, चामुंडा चौराहा, निकास चौराहा सहित कई निचले इलाकों में पानी भरा गया।
उज्जैन में मंगलवार को दिन का तापमान आधा डिग्री गिरकर 32 डिग्री रहा। रात के पारे में 3.3 डिग्री की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। पारा विगत दिवस की अपेक्षा 22.5 डिग्री पर आ गया था। मौसम विभाग की मानें तो एक दो दिन में बादलों की आवाजाही के बीच इसी तरह बारिश की संभावना है।
प्रदेश में कई मौसम प्रणालियां सक्रिय
मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश में इन दिनों कई मौसम प्रणालियां सक्रिय हुई हैं। मानसून द्रोणिका वर्तमान में बीकानेर, नरमौल, दमोली, लखनऊ, देहरी, रांची और बालासोर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। बंगाल की खाड़ी में पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र, झारखंड एवं ओडिशा पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना गया है।
गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात है, साथ ही गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने से मध्यप्रदेश में शिथिल पड़ा मानसून फिर सक्रिय होने लगा है। दो दिन बाद बंगाल की खाड़ी में एक और प्रभावी चक्रवात के बनने के संकेत मिले हैं। इस वजह से तीन दिन बाद प्रदेश में अनेक स्थानों पर भारी वर्षा का दौर भी शुरू हो सकता है।
दो घंटे में 2 इंच बारिश दर्ज
जीवाजीराव वेधशाला उज्जैन के आंकड़ों के अनुसार 13 जुलाई को 177.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 14 जुलाई को 179 मिमी बारिश हुई। 15 जुलाई को यह बढक़र 181 मिमी रिकार्ड की गई। 16 जुृलाई की सुबह बारिश होने के बाद 232.5 डिग्री दर्ज की गई। यानि के दो घंटे में 51.6 मिमी बारिश हुई। इस तरह से दो इंच से अधिक बारिश एक ही दिन में रिकार्ड की गई।
12 घंंटे में गंभीर डेम में आया 49 एमसीएफटी पानी
उज्जैन, अग्निपथ। रविवार-सोमवार की रात गंभीर डेम के कैचमेंट ऐरिया में हुई बारिश के बाद से गंभीर डेम में पानी बढऩा शुरु हो गया था। पिछले 12 घंटों में डेम में 49 एमसीएफटी पानी बढ़ गया। डेम में पानी की धीमी आवक बनी हुई थी। इसके चलते मंगलवार सुबह 8 बजे तक डेम का लेवल बढक़र 404.230 एमसीएफटी तक आ गया था।
भीषण जल संकट के बीच पानी की यह आवक कुछ दिन जल प्रदाय में राहत देगी। उल्लेखनीय है कि 2250 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) जल संग्रहण क्षमता वाले गंभीर बांध में शाम को 8 बजे तक यह बढक़र 453. 632 एमसीएफटी पर पहुंच गया था। शहर की दैनिक आवश्यकता 6 एमसीएफटी की है और रिसाव एवं अन्य कारणों से औसत रोजाना 9 एमसीएफटी पानी घटता है।