जनजातीय नृत्य कलाकारों को सवारी से जोडऩे के संकेत दिये सीएम ने
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की प्रत्येक सवारी में कोई न कोई कैबिनेट मंत्री प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही जनजातीय जिले के नृत्य कलाकारों को भी भगवान महाकाल की सवारी से जोड़ा जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उज्जैन से लगाव और यहां के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं करने की उनकी ललक का यह सुखद परिणाम है कि वे अपनी विकास योजनाओं में उज्जैन को भरपूर मौका देते हैं। मंगलवार को जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने उज्जैन के अधिकारियों को खासतौर पर यह बात कही।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाबा महाकाल की सवारी उज्जैन ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का गौरव हैं। हमारी जड़ों को जोड़ते हुए बाबा महाकाल की सवारी में जनजातीय जिले डिंडोरी, मंडला, बालाघाट आदि के जनजातीय नृत्य कलाकारों को भी शामिल किया जाए।
बाबा महाकाल की सवारी में कैबिनेट के मंत्रीगण भी शामिल होगे ताकि सवारी की व्यवस्थाएं और गरिमापूर्ण रहे। भगवान महाकाल की देवाधिदेव है उनके नगर भ्रमण में प्रदेश सरकार की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
सिंहस्थ के पहले स्थाई विकास कार्यों पर जोर, ताकि बाद में भी उपयोगिता बनी रहे
सिंहस्थ के निर्माण कार्यों को इस बार सरकार स्थाई रूप में तैयार करने पर जोर दे रही है। सीएम डॉ. यादव का कहना है कि जिस प्रकार हरिद्वार में मेला क्षेत्र स्थाई बना हुआ है उसी तरह उज्जैन का सिंहस्थ मेला क्षेत्र तैयार करने पर सरकार का जोर है। सिंहस्थ के नोटिफाइड एरिया को चिन्हित कर विकास कार्यों को गति दी जा रही है।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जन सहभागिता से सिंहस्थ के कार्यों को आगे बढ़ाएं और हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन का स्थाई रूप से विकास किया जाए जहां अवैध अतिक्रमण न हो, नीति संगत निर्माण रहे। देवस्थानों और घाटों के जीर्णोद्धारों का काम भी स्थाई निर्माण की तरह किया जाये। उज्जैन अब नगर से महानगर की ओर अग्रसर है। देश-विदेश में नगर की सकारात्मक छवि निर्मित हो, इस दिशा में सभी समन्वित रूप से प्रयास करें।