महाकाल मंदिर में पुजारी परिवार के बच्चों के लिए चरित्र निर्माण में अभिभावकों की भूमिका विषय पर कार्यक्रम आयोजित
उज्जैन, अग्निपथ। हम जिस सनातन धर्म को मानते हैं वह इस देश की जड़ है। वेद, पुराण, शास्त्र, रामायण आदि तत्वज्ञान के आधार पर ही भारत विश्व गुरु कहलाया। हमारे ज्ञान से दुनिया प्रभावित है।
यह बात संघ के मालवा प्रांत के प्रांत प्रचारक राजमोहन ने बुधवार सुबह महाकाल मंदिर के पुजारी-पुरोहित परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही। मंदिर परिसर में कोटितीर्थ कुंड के किनारे नवनिर्मित हॉल में पुजारी परिवार के बच्चों के लिए चरित्र निर्माण में अभिभावकों की भूमिका एवं श्लोक पाठ कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
राजमोहन ने पुजारी-पुरोहित परिवार एवं अन्य बच्चों व अभिभावकों को संबोधित कर कहा कि पहले अपने लक्ष्य को जाने और फिर आगे बढ़े। उन्होंने मंच से नीचे आकर बच्चों से धर्म आधारित सवाल-जवाब किए और नचिकेता, देव गुरु बृहस्पति एवं शुक्राचार्य ऋषि की कथा भी सुनाई। पुजारी परिवार की नन्हीं बालिका एकादशी ने शिव तांडव सुनाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बच्चों को उज्जैन के बारे में भी समझाया
अतिथियों ने अपने प्रभावी संबोधन के साथ ही बच्चों को धर्म एवं संस्कृति से भी अवगत कराया। सवाल-जवाब के दौरान उन्हें बताया कि प्राचीन काल में उज्जैन के राजा भर्तृहरि, सम्राट विक्रमादित्य रहे हैं। मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर व ओंकारेश्वर है। उज्जैन का ज्योतिर्लिंग 12 में से तीसरे स्थान पर आता है। बच्चों में भी इस कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह था। कई बच्चे पहले से इसकी तैयारी कर आए थे। बच्चों ने बेबाकी से अतिथियों द्वारा पूछे गए धर्म संबंधी सवालों के जवाब दिए।
श्लोक-मंत्र से हमें जीवन जीने की दिशा मिलती है-कलेक्टर
कार्यक्रम में उपस्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि श्लोक पाठ, मंत्र उच्चारण केवल कर्मकांड ही नहीं है इससे हमें जीवन जीने की दिशा मिलती है। कलेक्टर ने विशेषकर बच्चों से कहा कि अभी आपका पद अनिश्चित है इसलिए भविष्य के चरित्र का निर्माण करने के लिए आप सब धर्म और परंपरा से जुड़ जाए तो निश्चित ही आगे जाकर पद को प्राप्त करेंगे।
राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेश नाथ महाराज ने भी संबोधित कर बच्चों व अभिभावकों को धर्म-परंपराओं से जुड़े रहने के आह्वान के साथ मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना, सदस्य सर्वश्री पुजारी प्रदीप गुरु, पुजारी राम शर्मा एवं राजेंद्र गुरु जी सहित महाकाल मंदिर के समस्त पुजारी एवं पुरोहितगण भी उपस्थित थे।
बच्चों व अभिभावकों से अतिथियों ने यह भी कहा
- हमारे राष्ट्र की जो परंपरा है वह बहुत ही अटूट है इसका सम्मान करें।
- आप अपने चरित्र निर्माण को हमेशा सर्वोपरि बनाए रखें।
- जब तक पुजारी, पुरोहित परंपराओं का निर्वहन करते रहेंगे इस देश में कभी पाश्चात्य संस्कृति हावी नहीं हो सकती।
- रोज 10 से 15 मिनट मंत्रोच्चार, जाप व भगवान की स्तुति करें।
- पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मेधावी छात्र भारत में ही है।
- माइक्रोसॉफ्ट, गूगल जैसी दुनिया की मानी हुई कंपनी के सीईओ भारत के ही है।
- हमारा ध्यान, योग अचूक।
- जितने भी आधुनिक आविष्कार हुए वो सब भारतवर्ष की देन है।