सवारी में शामिल होने वाली मंडलियों को मिलेंगे अलग-अलग कलर के पास

भगवान महाकाल की सवारियों के संबंध में भजन मंडलियों की बैठक आयोजित

उज्जैन, अग्निपथ। पालकी के साथ चलने वाली भजन मंडलियों को इस बार अलग-अलग कलर के पास जारी होंगे, ताकि अनधिकृत मंडली सवारी में शामिल न हो सके।

श्रावण-भादौ मास में आयोजित होने वाली बाबा महाकाल की सवारियों के संबंध में गुरुवार को प्रशासनिक संकुल भवन में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भजन मंडलियों के साथ बैठक की। जिसमें सवारी के भजन मंडलियों के साथ सवारी की व्यवस्था बेहतर बनाने के मुद्दे पर चर्चा की गई। प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि भजन मंडलियों के सुचारू संचालन और अनधिकृत प्रवेश पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक भजन मंडली को अलग-अलग कलर के पास दिए जायेंगे।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयंत सिंह राठौड़ ने भजन मंडलियों से सवारी में सतत आगे बढ़ाने की बात कहीं। ताकि सवारी का व्यवस्थित संचालन हो और श्रद्धालु भी भजनों का आनंद ले सके।

प्रशासक ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरूप इस बार संस्कृति विभाग के माध्यम से जनजातीय कलाकारों का दल भी बाबा महाकाल की सवारी में अपनी प्रस्तुति देगा। बैठक में भजन मंडलियों द्वारा भी व्यवस्थित आयोजन के संबंध में सुझाव दिए गए। बैठक में अपर कलेक्टर अनुकूल जैन, एसडीएम एल एन गर्ग, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल तथा जय महाकाल भक्त मंडली, भस्म आरती मंडली, भस्म रमैया भक्त मंडली, महाकाल श्यन मंडली, कालभैरव संस्कृति मंडली, वीर तेजाजी मंडली, भस्मरमैया मंडली , जय महाकाल रामायण मंडली, नागचंद्रेश्वर भक्त मंडली के प्रतिनिधि शामिल हुए।

कावड़ यात्रियों को जलाभिषेक के लिए पूर्व अनुमति लेना जरूरी

सावन के महीने में भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने के लिए आने वाले कावड़ यात्रियों को मंदिर समिति से पूर्व में अनुमति लेना होगी, तभी उन्हें जलाभिषेक के लिए विशेष प्रवेश मिल सकेगा। यह अनुमति शनिवार, रविवार और सोमवार को नहीं मिलेगी।

गुरुवार को श्री महाकाल मंदिर समिति ने दर्शनार्थियों के प्रवेश का मार्ग और दर्शन व्यवस्था को अंतिम रूप दिया है। जिसके तहत बताया गया कि श्रावण-भादौ मास में अत्यधिक संख्या में कावड़ यात्रियों का आगमन बाबा महाकाल को जल अर्पण करने के लिए होता हैं। आगन्तुक कावड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार, सोमवार को छोडक़र द्वार नंबर 4 से प्रवेश दिया जाकर विश्रामधाम- रेम्प- सभा मण्डपम् में जल पात्र के माध्यम से बाबा महाकाल को जल अर्पण करने की व्यवस्था निर्धारित रहेगी, द्वार नम्बर 01 के रास्ते – फेसेलिटी सेन्टर 01 – टनल के रास्ते – मंदिर परिसर – कार्तिक मंडपम – गणेश मंडपम् से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को जल अर्पण करेंगे।

ऐसे कावड़ यात्री जो बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे मंदिर पहुंचते है अथवा शनिवार, रविवार, सोमवार को कावड़ लेकर आते हैं तो उन कावड़ यात्रियों की दर्शन व्यवस्था सामान्य श्रद्धालु की भांति रहेगी। उक्त कावड़ यात्री सामान्य दर्शनार्थियों की कतार से अंदर प्रवेश करेंगे और कार्तिक मण्डपम् में लगे जल पात्र में जल अर्पण करेंगे । शनिवार, रविवार, सोमवार को किसी भी कावड़ संघ को अनुमति अथवा विशेष द्वार से प्रवेश करने की सुविधा प्राप्त नहीं होगी।

सामान्य श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था

श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक सामान्य श्रद्धालुओं के सरल-सुलभ दर्शन की व्यवस्था हेतु प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से – नंदीद्वार – श्री महाकाल महालोक – मानसरोवर भवन – फेसेलिटी सेंटर 01 – टनल मंदिर परिसर – कार्तिक मण्डपम – गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे साथ ही भारत माता मंदिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के सम्मुख से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर – फेसेलिटी सेंटर 01 – टनल मंदिर परिसर – कार्तिक मण्डपम – गणेश मण्डपम से दर्शन उपरांत निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

शीघ्र दर्शन (रु. 250/-) टिकटधारी दर्शन

दर्शनार्थी – द्वार नंबर 4 के रास्ते – विश्रामधाम – रेम्प – सभामण्डपम् होते हुए – गणेश मण्डपम् से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे। द्वार नम्बर 1 के रास्ते – फेसेलिटी सेन्टर 01 – व्यूकटर के रास्ते – मंदिर परिसर – कार्तिक मंडपम – गणेश मंडपम् से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे। दर्शन उपरांत निर्गम द्वार (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से मंदिर से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

भस्मार्ती दर्शन के लिए प्रवेश

श्रावण-भादौ मास में भस्मार्ती में पंजीयनधारी श्रद्धालुओं का प्रवेश मानसरोवर भवन एवं द्वार नंबर 01 से निर्धारित रहेगी।
चलित भस्मार्ती दर्शन व्यवस्था- प्रचलित व्यवस्था अनुसार अवंतिका द्वार से भस्मार्ती में चलित दर्शन की व्यवस्था निर्धारित रहेगी, भस्मार्ती के दौरान आगंतुक श्रद्धालु कार्तिकेय मण्डपम् की अंतिम तीन पंक्तियों से चलित भस्मार्ती दर्शन कर सकेंगे।
विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट अतिथियों की दर्शन व्यवस्था
विशिष्ट/अतिविशिष्ट श्रद्धालु नीलकण्ठ मार्ग से होते सत्कार कक्ष में पहुंचेंगे। तदुपरांत निर्माल्य द्वार से मंदिर में प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार के रास्ते नगाड़ा गेट से नंदी मण्डपम/गणेश मण्डपम के प्रथम बैरिकेट से भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन करेंगे एवं दर्शन उपरांत पुन: इसी मार्ग से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
पुजारी-पुरोहित-मीडियाकर्मियों का प्रवेश
श्रावण-भादौ में श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी, पुरोहित एवं मीडियाकर्मी बड़ा गणेश मंदिर के समीप वाली गली से द्वार नंबर 04 से मंदिर में प्रवेश कर विश्राम धाम, रेम्प के रास्ते सभामंडप होते हुए प्रवेश करेंगे।

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