दुर्घटना प्रकरण में न्यायालय ने दिये शासकीय विभाग के खिलाफ आदेश

उज्जैन, अग्निपथ। स्थानीय तृतीय मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण न्यायालय ने अभिभाषक रमेश एन. थोरात द्वारा स्वयं की दुर्घटना शासकीय वाहन से हो जाने पर प्रस्तुत वसुली प्रवर्तन प्रकरण में नियमानुसार जय पत्र वर्धन वसूली हेतु संबंधित शासकीय विभाग को आदेश किया। व्यापक समय दिए जाने के बाद भी शान द्वारा राशि राशि जमा नहीं की गई तब न्यायालय ने चल संपत्ति कुर्की का आदेश दिया।

अभिभाषक रमेश एन. थोरात ने बताया कि वे 2 जुलाई 2018 को अपना न्यायालीन कार्य निबटा कर घर अपने टू व्हीलर से जारहे तब सिंहस्थ मेला कार्यालय कोठी रोड पर सामने से तेज गति से आ रही उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की शासकीय जीप ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी जिससे उनके पैर की हड्डी टूट गई और दो बार पैर का ऑपरेशन करवाना पड़ा।

इस दुर्घटना के बाद अभिभाषक थोरात ने क्लेम केस दायर किया। न्यायालय ने आपके पक्ष मे फैसला देते हुए उक्त विभाग से समय सीमा मे राशि जमा नहीं करने पर कृषि विकास विभाग उज्जैन के विरुद्ध चल सम्पत्ति कुर्की के तहत 10 गोदरेज अलमारी,01कांच की टेबल,12- कुर्सी, हुंडई कं.का एसी, 10सिलिंग फेन, 5कम्प्यूटर सीपीयू समस्त सामग्री कीमत लगभग 2 लाख 39 हजार रुपए है। भविष्य मे उक्त सम्पत्ति नीलामी प्रक्रिया है किन्तु उक्त सामग्री पुरानी होने से पूरी वसूली सम्भव नहीं प्रतीत होती है।

इसी को लेकर जयपत्रधारी श्री थोरात ने आपत्ति प्रस्तुत किये जाने हेतु समय लिया है।आपने कहा कि शासकीय वाहनों का बीमा भी नहीं है।प्रदेश शासन को सभी शास. वाहनों का बीमा करवाने की दिशा मे निर्णय लेना चाहिए या वार्षिक बजट मे इस मद मे अतिरिक्त राशि आवंटित कर सुरक्षित रखना चाहिए जिससे पक्षकारों को तुरन्त भुगतान हो सके। वर्तमान मे इस प्रकार के प्रकरण मे शासन की साख गिर रही है वहीं राज्य शासन की विभागीय लापरवाही उजागर हो रही है।

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