चार घंटे के रेस्क्यु के बाद शव को नदी से बाहर निकाला
नागदा, अग्निपथ। चंबल नदी के नायन डेम में डुबने से रविवार की सुबह मछली पकडऩे वाले की मौत हो गई, चार घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शव को नदी के बाहर से निकाला गया। सरकारी अस्पताल में पीएम के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपूर्द किया।
सी ब्लाक निवासी मनीष पिता रामपाल कल्याणे उम्र 37 वर्ष रविवार की सुबह चंबल नदी के नायन डेम पर मछली पकडऩे के लिए गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मनीष डेम पाल पर खड़ा था, नदी के बीच स्थित पर टापू पर जाने के लिए मनीष ने मछली की जाल को कमर से बांधा और नदी में कुद गया। जब काफी देर तक नदी से बाहर नहीं आया तो प्रत्यक्षदर्शियों ने मनीष के परिजनों और पुलिस को सूचना दी।
सुबह लगभग साढ़े नौ बजे से एसडीआरएफ, नगर सुरक्षा समिति के सदस्य एवं स्थानीय गोताखोरों की मदद से मनीष की खोजबीन शुरु की। डेढ़ घंटे तक युवक के शव को नदी से बाहर नहीं निकाला गया तो एसडीएम सत्यनारायण सोनी, अपर तहसीलदार रामविलास वक्तारिया, पटवारी आकाश भदौरिया, तरुण मालवीय मौके पर पहुंचे और टीम के सदस्यों को फटकार लगाई।
संसाधनों के अभाव में सर्चिंग कैसे करोंगे, एसडीआरएफ के सदस्यों ने बताया कि बोट का इंजन एक वर्ष से खराब है जिसकी सूचना वरिष्ठों को दे दी गई है। एसडीएम ने जब लिखित रिकार्ड मांगा तो सदस्य मौन हो गए, एसडीएम ने फटकार लगाई। फटकार के बाद एसडीआरएफ की टीम उज्जैन से नागदा के लिए रवाना हुई।
दोपहर दो बजे मनीष के मोहल्ले में रहने वाला युवक प्रदीपसिंह शेखावत मौके पर पहुंचा, उसने प्रत्यक्षदर्शियों से लोकेशन पुछी और डुबकी लगाई। प्रदीप का पैर मनीष से टकरा गया, स्थानीय गोताखोरों, एसडीआरएफ टीम के सदस्य शव को बाहर निकालकर लाए।
सर्चिंग अभियान में नगर सुरक्षा समिति के सदस्य सुमित का सिर फट गया, जिसके सिर में आठ टांके आए, सुमित को उपचार के लिए जनसेवा अस्तपाल में भर्ती कराया गया। सर्चिंग अभियान में सोहनलाल कैथवास, धर्मेन्द्र राठौड़, जितेंद्रसिंह, रामेश्वर सोलंकी, विरेंद्रसिंह, नीलम तिवारी, अवनसिंह, कन्हैयालाल धूलिया, बिरलाग्राम थाना प्रभारी संजय माथुर, प्रधान आरक्षक संदीप यादव, अर्जुन सोलंकी आदि मौके पर मौजूद रहे।