सावन और गुरु पूर्णिमा जैसे हिन्दू त्योहारों के अवसरों को भुना रहे
उज्जैन, अग्निपथ। हिंदू त्योहारों को हारफूल वालों ने मौके का त्योहार मान लिया है। उज्जैन में देश विदेश से प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु आते हैं। समय समय पर यहां हर पर्व कों बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में हर उत्सव मे फूल की जरुरत पडती है, लेकिन उज्जैन मे हर समय इसका भाव एक जैसा नहीं रहता। कभी 10रु. तो कभी 50 तक हो जाता है।
गुरु पूर्णिमा को हार-फूल वालों ने भारी चांदी काटी। 40 रुपये का हार 100 रुपये में बेंचा। इनसे इसका कारण पूछा तो बताया गया कि मंडी से ही इसके दाम बढ़े हुए आये हैं। लेकिन ऐसा त्योहारों के समय ही होता है। बाकी अन्य दिनों में 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक में अच्छा हार लोगों को मिल जाता है। त्योहार आया नहीं कि फूलों के भाव बढ़ जाते हैं। मालीपुरा के एक दुकानदार से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि मंडी से ही फूल महंगे आये हैं।
उज्जैन में न तो अभी भारी बारिश के कारण फूल खराब हुए हैं और न ही कोई अन्य कारण सामने आया है। ऐसे में अचानक हिंदू त्योहार आया नहीं कि हारफूल के दाम बढ़ा दिये जाते हैं। इस तरह से करीब चार गुना दाम हारफूलों के बढ़ाकर जमकर चांदी कूटी जाती है। ग्राहक भी अपनी आस्था के चलते इनको खरीदने पर मजबूर रहता है।
चार गुना तक बढ़ा देते हैं दाम
फूलों के दाम की बात करें तो, एक नहीं दो नहीं यह चार गुना बढ़ गया है। 20 रु. किलो का मिक्स फूल अब सीधे 100 रु. किलो बिक रहा है। फुल के दाम बढऩे से सभी परेशान हैं। वहीं गुलाब के फूल का माला जो 25 से 30 रुपए का मिल रहा था, जो अब सीधे 100 रुपये का हो चला है। अब सावन का महीना शुरू हो गया है।
हर घर मंदिरों में पूजा का क्रम तेज हो जायेगा। छोटे से लेकर बड़े घरों मे प्रतिदिन फूल खरीदें जाना शुरू हो गये हैं। ज्ञात रहे कि दिवाली के समय गुलाब 300 रु. किलो तक पहुंच जाता है।
गोपाल मंदिर के हारफूल वालों का सडक़ पर कब्जा
त्योहारी सीजन आते ही गोपाल मंदिर के हारफूल वाले ठेले तो ठीक सडक़ पर भी फूल बेचने लगते हैं। गुरु पूर्णिमा पर तो उन्होंने हद कर दी थी। एक और यहां पर भीड़ का आवागमन लगा हुआ था, तो दूसरी ओर यह सडक़ पर फूलों की पोटली रखकर व्यापार कर रहे थे। अब सावन का त्योहार आ गया है।
ऐसे में या तो इनके ठेले यहां से हटाये जायें अन्यथा, इन पर समय समय पर जुर्माने की कार्रवाई नगरनिगम करे, तभी यह सुधरेंगे। गोपाल मंदिर पर भीड़ की रेलमपेल शुरू हो गई है। नगरनिगम ने अलग से गोपाल मंदिर के सामने बेरिकड्स लगाकर सडक़ को डिवाइड कर दिया है। ऐसे में यहां पर जाम की स्थिति पैदा होने लगी है। जिसमें इन ठेलों की अहम भूमिका है।