उज्जैन, अग्निपथ। शहर में सावन मास की पहली कावड़ यात्रा बुधवार को निकली। हजारों कावडिय़ों का कारवां बम-बम भोले के जयकारे लगाते हुए महाकाल ज्योतिर्लिंग पहुंचे और जल अर्पित किया। महाकाल मंदिर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित त्रिवेणी घाट शनि मंदिर से यात्रा का प्रारंभ हुआ। यात्रा में बेंड-बाजे, डीजे, रथ पर सवार संत-महात्मा शामिल थे। वहीं भजन मंडली के साथ भक्त धार्मिक गीतों पर थिरकते हुए निकले।
इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी शनि मंदिर से बुधवार को मां शिप्रा और नर्मदा का जल कावड़ में लेकर समर्पण कावड़ यात्रा सुबह 11 बजे निकली। यात्रा प्रारंभ करने के पहले महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज (उत्तम स्वामी) ने भगवान शनिदेव का पूजन किया। यहां से कावड़ का पूजन कर समर्पण कावड़ यात्रा भगवा ध्वज फहराते हुए प्रारंभ हुई।
बग्गी में महामंडलेश्वर व अन्य संतों विराजित होने के बाद कंधे पर कावड़ लेकर हजारों यात्रियों ने रास्ते भर बम-बम भोले के जयकारें लगाते हुए शामिल हुए। त्रिवेणी से प्रारंभ हुई कावड़ यात्रा का रास्ते में कई स्थानों पर मंच बनाकर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
(उत्तम स्वामी) ने कहा कि जन कल्याण की भावना से यात्रा निकाल रहे है। देश में सनातन श्रेष्ठ रहे। आज देश विरोधी ताकत संसद में जय फिलिस्तीन बोलने वाले लोगों को भगवान सद्बुध्दि दें। देश के प्रति समर्पित रहें। देश में जो अनैतिक कार्य करते हुए देश को तोडऩे का काम कर रहे है, भगवान महाकाल उन सभी को सद्बुध्दि देते हुए भारत के है। भारत के रहेंगे। यही बुद्धि भगवान महाकाल सभी को यही सद्भावना दे। यही भगवान महाकाल से प्रार्थना है।
इन मार्गो से निकली कावड़ यात्रा
त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर से प्रारंभ हुई कावड़ यात्रा इंदौर रोड़ से नानाखेड़ा, तीन बत्ती चौराहा, टावर चौक, चामुंडा माता मंदिर चौराहा, देवास गेट, मालीपुरा, दौलतगंज चौराहा, कंठाल चौराहा, गोपाल मंदिर होते हुए महाकाल मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल को जल अर्पित किया।