उज्जैन, अग्निपथ। चैरिटेबल हॉस्पिटल के डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने के बाद बेटी को दिव्यांग बनाने वाले डॉक्टर के खिलाफ शहर के टॉवर चौराहे पर एक किसान अपनी दिव्यांग बेटी, परिवार और गांव वालों के साथ धरने पर बैठ गया। साथ ही डॉक्टर पर एफआइआर दर्ज करने की मांग करने लगा। पिता ने धमकी दी कि आरोपी डॉक्टर पर अगर एफआईआर दर्ज नहीं हुई. तो वो पेटोल डालकर आत्मदाह कर लेगा।
गुरुवार को ग्राम नईखेड़ी निवासी सोहन पिता गोविंद कुशवाह अपनी दिव्यांग बेटी के साथ टॉवर चौक पर धरने पर बैठ गया। पिता ने आरोप लगाते हुए बताया कि जनवरी 2023 में 9 साल की बेटी अर्पिता घर के बाहर खेल रही थी। इस दौरान वो गिर गई। गिरने पर उसे चैरिटेबल हॉस्पिटल में लेकर आए। यहां डॉ. आलोक सोनी ने इलाज करते हुए पैर में फेक्चर बताते हुए प्लास्टर चढ़ाने की बात की। इसके लिए हम राजी हो गए। करीब 10 दिन बाद बेटी के पैर में से बदबू आने के साथ खून आने लगा।
हम तुरंत चैरिटेबल हॉस्पिटल लेकर आए। यहां डॉ. अभिषेक जायसवाल ने गलत गोली लिख दी, जिससे बच्ची की तबीयत और बिगड़ गई। इसके बाद डॉ. आलोक सोनी से अगले दिन शिकायत की। वे बच्ची को देखने के बजाय उल्टा भडक़ गए। अस्पताल से निकलवाने की धमकी देने लगे। इसके बाद बेटी को तेजनकर अस्पताल लेकर आए। यहां बताया कि बेटी का पैर हमेशा के लिए खराब हो गया है। वो चल नहीं पाएगी।
पिता ने कहा- पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लूंगा
सोहन सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि डॉ. आलोक सोनी के द्वारा लापरवाही पूर्वक इलाज से मासूम पुत्री का पांव खराब हो गया और वह दिव्यांग हो गई। मामले में कलेक्टर को शिकायत कर मांग की कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच कर दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाए। अगर डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं की गई, तो पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लूंगा। इधर, पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे एसडीएम एलएन गर्ग ने कहा कि कमेटी बनाकर मामले की जांच होगी, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी।
डेढ़ साल से न्याय के लिए भटक रहे
पिता का आरोप है कि चैरिटेबल हॉस्पिटल में डॉ. आलोक सोनी के गलत इलाज की शिकार हुई दिव्यांग बेटी को लेकर परिवार डेढ़ साल से अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। बावजूद इसके इंसाफ नहीं मिला। अब पीडि़त बेटी का परिवार टॉवर चौक पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गया। सोहन सिंह ने कहा कि हड़ताल तब तक चलेगी, जब तक डॉक्टर की लापरवाही से दिव्यांग हुई बेटी को इंसाफ नही मिल जाता। लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हो जाती।
इनका कहना
कलेक्टर के संज्ञान में पूरा मामला है। चार दिन में जांच कमेटी बनाकर उच्च स्तरीय कार्रवाई की जायेगी।
– डॉ. अशोक पटेल, सीएमएचओ उज्जैन