उज्जैन, अग्निपथ। पहली से पांचवी तक की पांच क्लास। 60 बच्चे। दो टीचर और स्कूल का सामान रखकर 10 बाय 10 के कमरे में प्राइमरी स्कूल चल रहा है। हालात ये है कि पहली से दूसरी तक दो क्लास रूम में और तीसरी से पांचवी तक की तीन क्लास नाली किनारे पेड़ के नीचे खुले में लग रही हैं। ये हालात उज्जैन के प्राइमरी एक स्कूल के हैं। बड़ी बात ये है कि इसी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी विधायक हैं।
शहर के मध्य जवाहर नगर में संचालित होने वाले कुशाभाऊ ठाकरे शासकीय प्राथमिक विद्यालय में सैकड़ो छात्र- छत्राएं सुविधाओं के अभाव में पढ़ रहे हैं। कई बार वादे हुए, दो बार विधानसभा और दो बार लोकसभा के चुनाव निकल गए, लेकिन स्कूल की तस्वीर नहीं बदली। यह हालत बीते 9 साल से है।
टीचर निहारिका कोठरी ने बताया कि 2015 से स्कूल सुविधाओं के अभाव में संचालित हो रहा है। अभी एडमिशन खुले हैं। बच्चे एडमिशन के लिए आ भी रहे हैं, लेकिन मना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश और धुप से होती है। इतने बच्चे बिठाएं कहां, समझ नहीं आता। जब भी बारिश जैसा लगता है, तो बड़े बच्चों को बिठा लेते हैं। छोटे बच्चों को घर जाने का बोल देते हैं।
सडक़ किनारे पेड़ के नीचे लग रही क्लास
आलम ये है कि स्कूल के बाहर खाली पड़ी जगह में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करने पर मजबूर हैं। जिस जगह बच्चे बैठते हैं, उस जगह बड़ी नाली है। यहीं पर बच्चे रोजाना मध्यान्ह भोजन भी करते हैं। स्कूल के छात्र ने बताया कि बारिश और तेज धूप में ज्यादा परेशानी होती है। एक रूम में इतने बच्चे बैठ जाते है कि बैग रखने की भी जगह नहीं होती।
खुले में करते हैं शौच
दो टीचर्स के लिए दो टेबल और दो कुर्सी के अलावा यहां कुछ नहीं है। बच्चे जमीन पर बैठते हैं। खास बात ये है कि स्कूल में शौचालय तक नहीं है। ऐसे में बच्चे खुले में शौच करने जाते हैं। आसपास की कॉलोनी का इलाका होने के कारण दिक्कत होती है।
स्कूल, ऑफिस, 60 बच्चे और सामान
जवाहर नगर का शासकीय प्राथमिक कुशाभाऊ ठाकरे विद्यालय में 10& 10 का छोटा कक्ष है। उसमें पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं लगाई जाती है। स्कूल कार्यालय का काम भी किया जाता है। कक्ष के भीतर ही स्कूल का सामान रखा हुआ है। स्कूल में बच्चे 60 रजिस्टर्ड हैं। उपस्थिति भी हर दिन औसतन 50 से अधिक विद्यार्थियों की रहती है,लेकिन इस एक कमरे में ही स्कूल कार्यालय कक्षा और स्कूल का सामान भी है साथ ही।
बरसात में नाला उफान आने पर पानी कक्ष के बाहर भर जाता है। इसके अलावा अन्य मवेशी घूमते रहते हैं। स्कूल के एक मात्र कक्ष की छत में रिसन है। कमरे में सीलन बनी हुई है।
जमीन को लेकर विवाद, निर्माण अधर में
शासकीय प्राथमिक कुशाभाऊ ठाकरे विद्यालय जवाहर नगर के लिए राशि आवंटन के बाद भवन का निर्माण प्रारंभ भी हो गया था। भवन का निर्माण पिलिंथ हाइट तक ही हुआ था कि इस पर पुलिस विभाग आपत्ति आ गई। दरअसल जवाहर नगर उज्जैन विकास प्राधिकरण की योजना में निर्मित है। इस स्थान पर योजना में पुलिस चौकी के साथ प्राथमिक विद्यालय सह वाचनालय के लिए जमीन आरक्षित है।
जिला शिक्षा केंद्र द्वारा जमीन की वास्तविक पड़ताल किए बगैर स्कूल भवन का निर्माण प्रारंभ कर दिया। इस पर आपत्ति आ गई। भवन निर्माण को रोकना पड़ गया। इसके बाद भी आगे की कार्रवाई के लिए किसी ने भी सुध नहीं ली है।
10 वर्षों से प्रक्रिया चल रही है
शिक्षा विभाग के एडीपीसी गिरीश तिवारी ने बताया कि मिडिल स्कूल में अभी एक रूम में स्कूल संचालित हो रहा है। दरअसल वहां थाना बनाना था, जिसके चलते स्कूल बनाने पर रोक लगी थी। कुछ दिन पहले ही कलेक्टर साहब ने विभागीय समीक्षा बैठक में निर्देशित किया है। अब उस जगह स्कूल बनाने के लिए जमीन मिल जाएगा। प्रक्रिया चल रही है। नगर निगम इसकी एजेंसी है। जल्द ही स्कूल को बनवाएगा।