वीआईपी ड्यूटी की आड़ में पंडे-पुजारी-कहार और दर्शनार्थियों के साथ होता रहा अपराधियों की तरह दुव्र्यवहार
उज्जैन, अग्निपथ। पुलिस का पाला अकसर गुंडे-बदमाशों से पड़ता है और बदमाशों के साथ किया जाने वाला व्यवहार उनकी जीवन शैली पर खासा असर डालता है। सोमवार को भगवान महाकाल के मंदिर में ऐसा ही पुलिसिया अंदाज नजर आया। वीआईपी ड्यूटी के नाम पर जमकर मनमानी की गई। सभा मंडप, मंदिर प्रांगण में मौजूद हर शख्स से बदमाशों की तरह व्यवहार किया गया, मानो पुलिस संदेश देना चाहती है कि सोमवार को वीआईपी के अलावा किसी और को मंदिर नहीं आना चाहिए। हालांकि जो लोग वहां आये थे वे भी किसी न किसी रूप में मंदिर की व्यवस्था का ही हिस्सा थे।
महाकाल मंदिर में सभा मंडप, मंदिर प्रांगण में वीआईपी ड्यूटी पर लगे एक एडिशनल जो चंद दिनों बाद ही रिटायर होने वाले और और महाकाल थाना टीआई का व्यवहार आम लोगों के साथ घोर निंदाजनक था। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर सेना की तरह यूनिफॉर्म पहने ये अधिकारी और उनकी टीम लोगों से सिर्फ धक्का-मुक्की, बदतमीजी और दुव्र्यवहार करती रही मानों वे दर्शनार्थी न होकर गंभीर किस्म के अपराधी हों।
सिर्फ उन्हीं लोगों को दर्शन के लिए अंदर जाने दिया जो पुलिस के प्रोटोकाल के आये थे। अन्य को बुरी तरह खदेड़ा गया। जबकि सभा मंडप, मंदिर परिसर में वे ही लोग थे जो किसी न किसी रूप में मंदिर से जुड़े हैं और भगवान महाकाल के दर्शन की लालसा रखते हैं। ये लोग पालकी उठाने वाले कहार, पूजन व्यवस्था में लगे पंडे-पुजारी, मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिर के पुजारी व परिजन, मीडियाकर्मी, दानदाता आदि थे।
ये वे ही लोग थे जिन्हें मंदिर प्रशासन ने आमंत्रित किया था। लेकिन पुलिस ने मंदिर के प्रशासनिक अधिकारियों को भी दरकिनार कर सिर्फ अपनी ही मनमर्जी चलाई। सभामंडप में मीडियाकर्मियों के लिए आरक्षित स्थान पर भी उन्हें कवरेज के लिए नहीं जाने दिया गया। जबकि वह स्थान वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और मंदिर समिति ने तय किया है।
दत्त अखाड़ा पर पारंपरिक नादब्रह्म की प्रस्तुति
श्रावण सोमवार सवारी के अंतर्गत दत्त अखाड़ा पर पारंपरिक नाद ब्रह्म की प्रस्तुति दी गई। माधव संगीत महाविद्यालय के आचार्यों के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के शिष्यों द्वारा विभिन्न रागों पर आधारित शिव भजनों की प्रस्तुति दी गई प्रस्तुति का प्रारंभ किया गया। जय महेश जटा जूट ,दरसन देवो शंकर महादेव ,ओम नम: शिवाय शिव धुनों ने श्रोताओं का मन मोहा।
पिछली बार फेल हुए चलित रथ में इस बार बड़ी एलईडी लगाई
इस बार बाबा महाकाल की सवारी में आगे और पीछे दो एलईडी लगे 2 रथ चले , जिस पर सवारी के लाइव प्रसारण के माध्यम से श्रद्धालुओं ने सुगमता पूर्वक दर्शन किए। चलित रथों को पुष्प की लडिय़ों से आकर्षण ढंग से सजाया गया। गौरतलब है कि पिछली सवारी में एलईडी की क्वालिटी ठीक नहीं होने की शिकायत आने के बाद प्रशासन ने इस बार इसमें सुधार किया।
भजन मंडलियों ने झांकियां भी सजाई, भजन-कीर्तन नृत्य भी चला
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य यंत्र बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ उत्साह के साथ चलें। श्रद्धालुओ ने सुगमतपूर्वक बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन किए।