तीन दिन में मामले का खुलासा, आरोपी गिरफ्तार
शाजापुर, अग्निपथ। सांपखेड़ा में मिले युवक के रक्तरंजित शव के मामले में कोतवाली पुलिस ने अंधे कत्ल का खुलासा कर दिया है। तीन दिन में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक के दोस्त ने ही रुपए के लेन-देन के विवाद में अपने दोस्त को मौत के घाट उतार दिया और शव को झाडिय़ों में फेंककर फरार हो गया।
सोमवार को कंट्रोल रूम पर आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी यशपालसिंह राजपूत ने बताया कि 26 जुलाई को बेरछा रोड स्थित सापंखेड़ा नहर के रास्ते पर चीलर डेम के पास एक व्यक्ति अबरार पिता सरदार खां (35) निवासी मनिहारवाड़ी का शव मिला था। जिसके गले पर चोट के निशान पाये जाने से जिसकी हत्या धारदार हथियार से होना प्रतीत हुई थी।
मृतक अबरार के मोबाइल का कॉल रिकार्ड निकालने पर अंतिम 10-12 कॉल की जांच की गई तो सभी के द्वारा उधार के रुपए को लेकर बात हुई थी। जिसमें आशिक पिता अजीज खां निवासी लालपुरा पर पुलिस को शक हुआ।
मृतक अबरार की लास्ट लोकेशन के आधार पर शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किए तो पता चला कि अबरार अपनी बाईक से एक व्यक्ति के साथ महुपुरा, टंकी चौराहा होते हुये बेरछा रोड मनोरमा गार्डन की तरफ जाते दिखाई दिया। जिसके पीछे बैठे व्यक्ति की पहचान निकालने पर उक्त व्यक्ति आशिक ही था। पूछताछ करने पर आशिक ने बताया कि मनोरमा गार्डन के बाद ही वह अबरार गाड़ी से उतर गया था।
घटना के बाद आरोपी आशिक करीबन 30 मिनट बाद मनोरमा गार्डन स्थित कैमंरे पर पैदल आता दिखायी दिया। आरोपी के कपड़ों पर लगे खून के धब्बे स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। जिसके आधार पर पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी आशिक पिता अजीज खां ने अपना जुर्म स्वीकार किया।
इसलिए उतारा मौत के घाट
पूछताछ में आरोपी आशिक ने बताया कि अबरार ने करीब 7 लाख रुपए उसके माध्यम से ब्याज पर चला रखे थे। पिछले 2-3 सालों से दोनों यह कार्य करते थे। यह दोनों आपस में घनिष्ठ मित्र थे। ब्याज के पैसे की किस्त लेने अबरार उसके घर बिना बताए आ जाया करता था। यह बात उसे अच्छी नहीं लगती थी।
इस संबध में पूर्व में भी अबरार को समझाया भी था। लेकिन अबरार ने घर आना नहीं छोड़ा। घटना वाले दिन भी शाम 7:30 बजे अबरार उधार की डायरी देने की बात का बहाना बनाकर आरोपी के घर सांपखेडा पहुंचा। आरोपी ने मौका देखकर उसके घर से चाकू निकालकर अपने साथ रखा और हत्या करने का मन बना लिया।
जिसके बाद बेरछा रोड स्थित सांपखेड़ा नहर के रास्ते पर जाते समय अंधेरे का लाभ उठाकर चलती गाड़ी अबरार के गले पर वार कर िदया। जिससे अबरार गाड़ी से गिर गया। जिसे आशिक ने पास ही झाडियों में जाकर फेंक दिया जहां उसकी मौत हो गई। आरोपी ने बताया हत्या के बाद वह सभी पैसे को वसूल कर अपने पास ही रखना चाहता था।
इस टीम की रही भूमिका
मामले के खुलासे के लिए अलग-अलग टीम का गठन भी किया गया था। जिन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर तीन दिन में मामले का खुलासा कर दिया। इस कार्रवाई में कोतवाली थाना प्रभारी ब्रजेश मिश्रा, उपनिरीक्षक रमेशचन्द्र चादव, सुरेन्द्र मेहता, आरक्षक कपिल नागर, प्रधान आरक्षक दीपक शर्मा, प्रमोद नागर (थाना लालघाटी), साइबर सेल प्रभारी विकास तिवारी, शैलेन्द्र शर्मा, आरक्षक शैलेन्द्र गुर्जर व राजकुमार मीणा की भूमिका रही।