पुजारियों ने विरोध के बाद मंदिर प्रशासन ने एक दिन बाद जब्त की पालकी
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की दूसरी सवारी के दिन महाकाल भक्तों ने मुख्य पालकी की तरह एक और डमी पालकी बनाकर मुख्य पालकी के आगे निकाल दी थी। जिससे कई दर्शनार्थी भ्रमित हुए थे। इस मामले का विरोध होने के बाद मंगलवार को कलेक्टर के आदेश पर मंदिर समिति ने उस डमी पालकी को जब्त कर लिया है।
श्री महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सवारी सोमवार को निकली थी। इसी दौरान मुख्य सवारी के सबसे आगे एक अन्य पालकी को सजाकर उसमें प्रतिमा रखकर निकाला गया था। इसके कारण श्रद्धालु भी भ्रमित हो गए थे। सोमवार को महाकाल भगवान की पालकी की हूबहू एक अन्य पालकी निकालने का मामला सामने आने के बाद मंदिर के पंडे-पुजारियों ने विरोध जताया था।
पुजारियों का कहना है कि इस तरह भगवान की पालकी के साथ कोई अन्य पालकी कैसे बिना अनुमति शामिल हुई। मंदिर प्रशासन को इस पर कार्यवाही करना चाहिए। यह परंपरा से खिलवाड़ है। मंदिर प्रशासन ने भी इस ओर ध्यान नही दिया। बनाई गई पालकी पूरे समय आगे चलती रही। भगवान की पालकी के आगे एक अन्य पालकी के शामिल होने की सूचना के बाद मंदिर के पंडे-पुजारियों ने इसको लेकर विरोध जताया है।
पुजारियों का कहना था कि परंपरा अनुसार भगवान महाकाल राजा की पालकी तो एक ही है, लेकिन उसके समानांतर कोई पालकी बनाकर आगे निकालते है बिना अनुमति के निकालते है तो ये मंदिर समिति के साथ धोखाधड़ी है। मंदिर समिति को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। भगवान महाकाल की मुख्य पालकी के अलावा जितनी भी छोटी-बडी पालकी उन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। यह तो एक मजाक हो गया कि कारण है भगवान महाकाल राजा के आगे-आगे ओर दूसरी पालकी चलने लगी।
यहां पर भक्तों के साथ भी धोखा किया जा रहा है, कारण है कि भक्तों को पता नही चलता है कि कौन सी पालकी असली है और कौन सी नकली है।जबकि कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सवारी के पहले ही हिदायत दी गई थी कि सवारी के साथ निर्धारित भजन मंडली व अनुमति प्राप्त दल ही शामिल होंगे। इसके बाद भी सोमवार को दूसरी सवारी निकलने के दौरान आगे एक अन्य पालकी शामिल हुई है। मंगलवार को उस पालकी को जब्त किया गया है। इस मामले में कोई एफआईआर नही हुई है। आगे भी सवारी के लिए निर्देश दिए है कि बिना अनुमति किसी भी तरह के दल या अन्य लोग शामिल नही हो।