नये पुल की कार्य योजना बनाने के निर्देश, ऊंचाई और चौड़ाई बढ़ाई जायेगी
उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा नदी पर बनी छोटी पुलिया सिंहस्थ के पहले बड़ी हो जायेगी। प्रशासन ने पुलिया के स्थान पर ऊंचाई और चौड़ाई बढ़ाते हुए नया पुल बनाने की योजना बनाई है। इस संबंध में बुधवार को निरीक्षण के दौरान संभाग आयुक्त ने निर्देश दिये हैं।
सिंहस्थ-2028 की पूर्व-तैयारियों के लिये बुधवार दोपहर संभागायुक्त संजय गुप्ता ने लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्नान घाट क्षेत्र का सघन भ्रमण कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त गुप्ता ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को रामघाट और दत्त अखाड़ा को जोडऩे वाले छोटे पुल के स्थान पर नया पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये।
बारिश के समय यातायात की निरन्तर सुविधा के लिये नये पुल की ऊंचाई बाढ़ के समय के जलस्तर को देखते हुए रखी जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कार्य योजना बनाने के पूर्व पुल की ऊंचाई और घाट की ऊंचाई का तकनीकी रूप से परीक्षण कर लिया जाये, जिससे घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। निर्बाध यातायात के लिये पुल की चौड़ाई 20 मीटर तक रखी जाये।
दत्त अखाड़ा पर 12 मीटर चौड़ी रपट भी बनाने की तैयारी
इसी प्रकार श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत भ्रमण के दौरान संभागायुक्त ने दत्त अखाड़ा के सामने 12 मीटर चौड़ी नई रपट बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिये। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये गुप्ता ने स्नान घाट पर सीढिय़ों का चौड़ीकरण, घाटों पर महिलाओं के कपड़े बदलने का स्थान, घाटों की स्वच्छता व सौंदर्यीकरण सहित अन्य कार्यों के प्रस्तावों को भी सिंहस्थ कार्य योजना में शामिल करने के निर्देश दिये।
भ्रमण के दौरान लोक निर्माण विभाग सेतु के अनुविभागीय अधिकारी रवीन्द्र कटारिया, कार्यपालन यंत्री कुलदीप सिंह, कंसल्टेंट अंकित नामदेव, जल संसाधन विभाग के एसडीओ राहुल नागर, कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह, उपयंत्री सोमेश आप्टे आदि अधिकारी उपस्थित थे।
बाढ़ की स्थिति के दौरान मुस्तैद रहे टीम
संभागायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि घाटों पर शिप्रा नदी के जल स्तर की सतत निगरानी की जाए और समय-समय पर रिपोर्टिंग की जाये। बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम चौबीस घंटे क्रियाशील रहे। बाढ़ से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने के लिये अधिकारी मुस्तैद रहें।
अतिवृष्टि होने पर शिप्रा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब होने की स्थिति में घाटों व नीचले इलाकों में आपदा प्रबंधन की टीम सक्रिय रहे, ताकि वर्षाजनित जनहानि से बचा जा सके और कोई विषम परिस्थिति न बने। इसी के साथ उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे स्थान जहां भी पुल के ऊपर पानी बह रहा हो, वहां नागरिकों को जाने से रोका जाये व बांधों के गेट खुलने पर विशेष सतर्कता बरतें।