धार, अग्निपथ। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए रिश्वत लेने के मामले में न्यायालय ने ग्राम पंचायत लोहारी बुजुर्ग के तत्कालीन पंचायत सचिव को दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही दो-दो हजार रुपए का अर्थदंड किया है।
उपसंचालक अभियोजन टीसी बिल्लौरे के मुताबिक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश पारस कुमार जैन ने 31 जुलाई को दिए फैसले में आरोपी गिरधारीलाल पिता नथुलाल सूर्यवंशी निवासी माचकदा को धारा 7, 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) भ्र.निवा. अधिनियम में दोषी मानते हुए उक्त सजा सुनाई। अर्थदण्ड अदा न करने पर क्रमश: 1-1 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन के मुताबिक 10 दिसम्बर 2013 को ग्राम पंचायत लोहारी बुजुर्ग के शिकायतकर्ता सुरेश पिता छितरजी ने बताया कि उसके भाई इंदर, दिनेश व चंदन की प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मकान निर्माण एवं लोन स्वीकृत तथा प्लाट का पट्टा देने के नाम पर 32 हजार रुपए रिश्वत ग्राम पंचायत लोहारी बुजुर्ग के सचिव गिरधारीलाल ने मांगी थी। उसी दिन 13 हजार रुपए लोगों से दबाव बनाकर ले लिये थे।
शेष 19 हजार रुपए 11 दिसम्बर 2013 को देना तय हुआ था।
उसमें से 8000 रूपये रिश्वत के किश्त के रूप में लेकर सादलपुर बुलाया था। लोकायुक्त की टीम ने सादलपुर बस स्टैंड पर आरोपी गिरधारीलाल को रिश्वत के 8000 रूपये लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। लोकायुक्त ने अनुसंधान पूर्ण कर चालान विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया।
विचारण के दौरान अभियोजन ने साक्षियों के कथन न्यायालय में करवाए। जिसमें शिकायतकर्ता सुरेश ने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया और विपरित कथन दिए। किंतु फिर भी न्यायालय ने अभियोजन की भौतिक साक्ष्य व लोकायुक्त के शासकीय गवाहों पर विश्वास कर अभियोजन का मामला संदेह से परे प्रमाणित मानकर आरोपी को दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी टीसी बिल्लौरे, उप-संचालक(अभियोजन) द्वारा की गई।