तीसरी सवारी का हरसिद्धि चौराहे पर एलईडी लगाकर करायेंगे लाइव दर्शन

5 अगस्त को निकलेगी, इस सवारी से भगवान के मुखारविंद भी रथ से निकलेंगे, सजावट शुरू

उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की सावन माह की तीसरी सवारी 5 अगस्त को निकलेगी। जिसमें डमरू बजाकर विश्वरिकार्ड बनाया जायेगा। प्रशासन का मानना है कि इस दिन अन्य सवारियों से अधिक भीड़ जुटेगी। इस कारण हरसिद्धि चौराहे पर बड़ी एलईडी लगाकर सवारी का लाइव दर्शन कराया जायेगा।

यह निर्णय मंदिर समिति व प्रशासनिक अधिकारियों ने गुरुवार को लिया है। भगवान महाकाल की सवारी के दौरान भीड़ प्रबंधन के सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियां करने का भी तय किया गया है। हरसिद्धि पाल पर भी बड़ी एलईडी के माध्यम से बाबा महाकाल की सवारी के लाईव प्रसारण की व्यवस्था के अलावा अन्य चौराहों पर भी लाइव प्रसारण की व्यवस्थ बढ़ाई जा सकती है।

तीसरी सवारी में गरुड़ रथ पर निकलेंगे शिव-तांडव

इसके अलावा भगवान श्री महाकालेश्वर की तीसरी सवारी से रथ भी शामिल होंगे। रथ पर रंग-रोगन का काम शुरू हो गया है। बाबा महाकाल की 5 अगस्त सोमवार को निकलने वाली तीसरी सवारी में गरुड़ रथ शामिल होगा। इसके बाद की अन्य सवारी में भी भगवान के मुखारविंद अलग-अलग रथ पर बढ़ते जाएंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण-भादो मास में निकलने वाली सवारी में दूसरी सवारी से हाथी पर मन महेश का रजत मुखारविंद शामिल होता है। इसके बाद आगे की सवारी के लिए रथ और भगवान के अन्य मुखारविंद शामिल होते जाते है।

रथों की सजावट व रंग-रोगन शुरू

श्री महाकाल मंदिर परिसर में खड़े लकड़ी के रथ की साज-सज्जा और रंग-रोगन का काम शुरू हो गया है। 5 अगस्त को तीसरी सवारी के लिए रथ पर विराजित गरूड़ रथ पर शिव तांडव का मुखारविंद शामिल होगा। सवारी के पहले बुधवार से रथ पर रंग करने का काम शुरू हो गया है। इसके बाद रथ पर विराजित गरुड़ की प्रतिमा पर पालिश का काम किया जाएगा। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि भगवान महाकाल की सवारी के साथ तीसरी सवारी से परंपरानुसार निकलने वाले रथ को तैयार किया जा रहा है। रथ पर विराजित होने वाली प्रतिमाओं पर पालिश कर रंग-रोगन किया जा रहा है।

सवारियों में इस तरह बढ़ता है मुखारबिंद का क्रम

1. श्रावण-भादौ मास की सभी सवारियों में भगवान की पालकी शामिल रहती है।
2. दूसरी सवारी से एक मुखारविंद हाथी पर विराजित होता है।
3. तीसरी सवारी में शिव तांडव स्वरूप गरुड़ रथ पर विराजित होते है।
4. चौथी सवारी में भगवान उमा महेश नंदी पर सवार होकर निकलते हैं।
5. पांचवीं सवारी में बैलगाड़ी पर होल्कर मुखारविंद
6. छठी में बैलगाड़ी पर घटाटोप मुखारविंद
7. शाही सवारी में सप्तधान मुखारविंद

विश्व रिकार्ड के लिए वादकों ने की रिहर्सल, भस्म आरती की रिदम पर बजाया डमरू

डमरू

भगवान महाकाल की तीसरी सवारी के दिन 5 अगस्त को भगवान महाकाल का प्रिय वाद्य यंत्र डमरू को एक साथ 1500 लोग बजाकर विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। इसके लिए गुरुवार को भस्म रमय्या के नाम से डमरू बजाने वाले दल ने प्रैक्टिस शुरू की। साथ ही, इस दल द्वारा जो प्रस्तुति दी गई है, उसे प्रदेश के डमरू बजाने वाले आमंत्रित अतिथियों को भेजा जा रहा है, ताकि समान रिदम पर रिकॉर्ड बनाया जा सके।

महाकाल की नगरी में इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है। इसके पहले महाशिवरात्रि पर शिवज्योति अर्पणम् के तहत दीप प्रज्वलित करने का विश्व रिकार्ड उज्जैन में बन चुका है। अब सवारी के दौरान 1500 वादक डमरू बजाकर 10 मिनट प्रदर्शन करेंगे। गुरुवार को महाकाल लोक के पास शक्ति पथ पर करीब दो दर्जन से अधिक डमरू बजाने वाले पहुंचे। उन्होंने करीब एक घंटे तक प्रैक्टिस की।

श्री भस्म रमय्या भक्त मंडल के संस्थापक प्रवीण मादुस्कर ने बताया कि तीन दिन तक रोजाना प्रेक्टिस करेंगे। जिसमें करीब 35 से अधिक डमरू बजाने वाले सदस्य होंगे। हाल ही में हमने साउथ की फिल्म में भी डमरू बजाया है। विश्व रिकॉर्ड के दौरान शिव का प्रिय डमरू भस्म आरती की धून पर बजेगा, इस प्रस्तुति की रिकॉर्डिंग भेजी जायेगी इसी थीम पर सभी डमरू वादक प्रस्तुति देंगे।

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