महाकाल को बंधी सबसे पहली राखी सवा लाख लड्डुओं का लगाया भोग

एक फीट की राखी पुजारी परिवार की महिलाओं ने बनाईं

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सभी प्रमुख त्योहार सबसे पहले मनाए जाते हैं। बाबा महाकाल के आंगन में श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व भी सोमवार को सुबह भस्म आरती के दौरान मंगल गीत गाते हुए बाबा महाकाल को राखी बांधकर मनाया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल के लिए सात दिन में करीब एक फीट की राखी तैयार की थी।

मंदिर के पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल के लिए 7 दिन में राखी तैयारी की गई है। इसे पुजारी परिवार की महिला सदस्य मंजुला शर्मा, जया शर्मा, प्रीति शर्मा, कविता शर्मा, पल्लवी शर्मा, मनीषा शर्मा, सीमा शर्मा, ज्योति शर्मा और इशिका शर्मा ने तैयार किया है।

करीब एक फीट की आकर्षक राखी तैयार करने के दौरान महिला सदस्यों ने निरंतर ओम नम: शिवाय का जाप भी किया। राखी बनाने में रेशम का धागा, मखमल का कपड़ा, मोती, डायमंड का उपयोग किया गया है। राखी पर बाबा महाकाल का नाम भी अंकित किया गया है। इसके अलावा बाबा महाकाल के लिए श्रीफल, आरती की।

सवा लाख लड्डुओं का लगाया भोग

सोमवार की भस्मार्ती में सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। पुजारी परिवार की ओर से प्रतिवर्ष सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाकर श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। भगवान महाकाल के महाप्रसाद को पाने के लिये शहर के आम श्रद्धालु ललायित रहते हैं।

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