उज्जैन, अग्निपथ। रतलाम मंडल ने इंदौर से मुम्बई सेंट्रल के मध्य परिचालित की जाने वाली इंदौर-मुम्बई सेंट्रल अवंतिका एक्सप्रेस के सभी एसी एवं नॉन एसी कोचों में विभिन्न प्रकार के सुविधापूर्ण कार्य किए गए हैं।
अवंतिका एक्सप्रेस के सभी एसी कोचों में शौचालय के अंदर एवं बाहर सक्रैपर मैट लगाये गये हैं । ये मैट जहॉं एक ओर शौचालय में गंदगी कम होने में मदद करेंगे वहीं पानी के कारण होने वाली फिसलन नहीं होगी एवं पानी की छींटे शरीर पर नहीं आएगी। इस मैट के लगाने से शौचालय एवं आस-पास के स्थान को साफ एवं स्वच्छ रखने में आसानी होगी। कोच के वेस्टीबुल के पास फॉल प्लेट की सफाई कर उसे कलर किया गया है इससे वेस्टीबुल के पास के स्थान जो काफी गंदा दिखता था साफ एवं स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।
सभी आरक्षित कोचों के शौचालय के अंदर एवं बाहर लगे वॉश बेसिन में पुराने नल (टैप) को निकालकर उसके स्थान पर स्टेन लेस स्टील के नये नल लगाये गये हैं। ये नल देखने में आकर्षक तो हैं ही यात्रियों के उपयोग की दृष्टि से भी काफी सुविधाजनक है। स्टेनलेस स्टील का होने के कारण इनमें जंग लगने की संभावना भी नहीं है जिसके कारण ये नल लंबे समय तक चलेंगे।
नॉन एसी कोचों में मीडिल बर्थ को होल्ड करने के लिए लगे चेन में नये रेक्जिन कवर लगाये गये हैं जो आकर्षक के साथ यात्री सुविधा उवं उनकी संतुष्टि में भी मददगार साबित होगा साथ ही कोच का एंटीरीयर भी आकर्षक दिखेगा। ट्रेन में लगे सभी टायलेट सीट की उचित रख-रखाव के साथ उसकी बफिंग की गयी है। उचित बफिंग शौचालयों को पूरी तरह से साफ करने में मदद तो करता ही है यात्रियों को शौचालयों में दी जाने वाली साफ-सफाई सेवाओं एवं स्वच्छता के स्तर को भी बनाए रखने में मदद मिलती है।
गंदे कूडेदान कॉकरोच एवं अन्य कीटों के लिए प्रजनन स्थल बन जाते हैं, इसलिए कूड़ेदानों की पूरी तरह से सफाई को कोच की सफाई में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। पिटलाइन पर प्राथमिक रख-रखाव में कोच की सफाई के दौरान सभी कोच के कूड़ेदानों को ठीक से खाली किया जाता है, साफ किया जाता है और रसायनों से उसे किटाणुरहित किया जाता है।