महुआ महाराष्ट्र के कलाकारों दी भक्ति का फल और पूजा का चमत्कार नाटक की प्रस्तुति
उज्जैन, अग्निपथ। ऋतुवती में महिलाओं द्वारा देव शास्त्र गुरु के प्रति जाने अनजाने हुई अशुद्धि के प्रायश्चित के लिए चन्दन षष्ठी व्रत किया जाता है।
उज्जैनी में जब अतिमुक्तक महाराज का नगर प्रवेश हुआ था तब वे मासोपमासी थे अर्थात् महीने भर से अन्न जल ग्रहण नही किया था तब ईश्वर चंद सेठ और उनकी धर्म पत्नी चन्दना ने गुप्त कपट कर पात्र दान के लोभ से ऋतुवती अवस्था में मन वचन काय शुद्ध कह के मुनि राज को आहार दिया जिसके फलस्वरूप उन दोनों पति पत्नी को कुष्ठ रोग हो गया था जिसके निवारण के लिए दोनों ने चन्दन षष्ठ व्रत किया और उनका कुष्ठ दूर हुआ तभी से इस व्रत को मनाया जाता हैं।
उक्त बात चक्रवर्ती बने महेन्द्र गंगवाल और सौ धर्म इन्द्र प्रदीप टोंग्या द्वारा प्रथम प्रश्न में चंदन षष्ठी पर महिलाओं द्वारा व्रत क्यों किया जाता है और इसे पुरुष भी कर सकते हैं क्या? ऐसी शंका समाधान बताते हुए आर्यिका दुर्लभ मती माताजी ने कही। आर्यिका श्री 105 दुर्लभमती माताजी ससंघ के सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर फ्रीगंज में भव्य अर्हत चक्र मंडल विधान का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसमें सभी श्रावक गण इंद्र इंद्राणी बन बड़ी ही भक्ति भाव से अष्ट द्रव्य के साथ पूजन अर्चन कर अर्द्ध समर्पित कर रहें हैं।
दमोह से पधारे बाल ब्रह्मचारी अंकित भईया जी द्वारा सारे विधि विधान किए जा रहें हैं। जिसमे गायिका अहिंसा जैन द्वारा भक्ति करवाई जाती हैं। श्री विद्या कुम्भ चतुर्मास सेवा समिति द्वारा बताया गया कि 22 अगस्त से 1 सितंबर तक आर्यिका संघ के सानिध्य में उज्जैन शहर में प्रथम बार इस मंडल विधान का आयोजन किया जा रहा हैं जिसमें बड़ी संख्या में साधर्मी धर्म लाभ ले रहें हैं।
इस आयोजन में भव्य समवशरण की रचना की गई है जिसमें प्रतिदिन समाज के श्रावक श्रेष्ठी अपनी शंका का समाधान आर्यिका से प्रश्न पूछ कर करते हैं जिसका समाधान उसी समय सभा में किया जाता हैं साथ ही पूजन की जयमाला का अर्थ भी बताया जाता हैं। प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिदिन रात्रि को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। 24 अगस्त को महुआ महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा भक्ति का फल और पूजा का चमत्कार नाटक प्रस्तुत किया गया जिसकी सभी ने बहुत सराहना की।