आमजन को दर्शन में आ रही परेशानी के कारण लिया मंदिर प्रशासक ने लिया फैसला
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में होने वाली आरतियों में प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के कारण अब आम दर्शनार्थियों को बाबा के दर्शन में अड़चन नहीं आएगी। मंदिर प्रशासक व एडीएम ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसका असर सोमवार को ही दिखाई देने लगा।
महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती को छोडक़र दद्योदक आरती, भोग आरती, संध्या कालीन पूजन, संध्या आरती और शयन आरती में के दौरान जल द्वार, चांदी द्वार और नंदीहाल से प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालु प्रवेश कर दर्शन व्यवस्था में व्यवधान पैदा करते थे। दैनिक अग्निपथ ने इसको लेकर सोमवार को व्यापक समाचार प्रकाशित किया था।

समाचार में बताया गया था कि आरती के दौरान प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालु गर्भगृह की दहलीज से बीच में खड़े होकर दर्शन करते हैं। जिसके चलते पीछे नंदीहाल और रैलिंग से दर्शन कर रहे श्रद्वालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन ठीक तरह से नहीं हो पाते। ऐसे में हंगामा होने की संभावना रहती है। मंदिर प्रशासक और एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने समाचार पर संज्ञान लेते हुए अपने अधीनस्थों को आरती के दौरान किसी भी श्रद्धालु को जल द्वार, चांदी द्वार या नंदी हॉल से गर्भगृह तक प्रवेश नहीं देने को लेकर निर्देश प्रदान किए हैं। इसका असर सुबह भोग आरती में देखने को मिला।
सहायक प्रशासक ने नहीं दिया प्रवेश
सोमवार सुबह 10.30 से 11.15 तक होने वाली भोग आरती में सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने मौजूद रहकर व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को गर्भगृह की दहलीज तक प्रवेश नहीं दिया गया। आरती के बाद भी सहायक प्रशासक ने स्वयं नंदी हॉल में खड़े होकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को रोका।
इनका कहना
प्रोटोकॉल दर्शनार्थियों के कारण आम श्रद्धालुओं को परेशानी के मामले में अधीनस्थों से बात हुई है। उन्हें समस्या के हल के लिए निर्देश प्रदान किए गए हैं। –नरेन्द्र सूर्यवंशी, प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति