पुलिस के समझाइश देने के बाद भी नहीं मान रहे बैकों के जिम्मेदार
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन शहर की बात की जाए तो यहां पर विभिन्न बैंकों के सैकड़ों एटीएम हैं, जो बैंक द्वारा ग्राहकों की सुविधा के लिए मुहैया कराए गए हैं। परंतु बड़ी बात यह है कि अगर 10 प्रतिशत एटीएम मशीन पर मौजूद सुरक्षा गार्डों को छोड़ दिया जाए तो आज भी उज्जैन में 90 प्रतिशत एटीएम बिना गार्ड के संचालित हो रहे हैं। पुलिस की समझाइश के बाद भी बैंकें इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं।
जनता का पैसा करोड़ों की संख्या में इन एटीएम में जमा है। बड़ी घटना होने पर जिम्मेदार कौन होगा इसका जवाब बैंकों को खुद से खोजना होगा। बीते दिनों उज्जैन जिले के खाचरौद में बैंक ऑफ़ इंडिया के एटीएम में हुई चोरी की घटना अपने आप में सवाल खड़े करती है। वहां पर वारदात को अंजाम देने वाला हेलमेट पहन कर अंदर पहुंचा था। अगर गार्ड बाहर होता तो मुंह पर मॉस्क या हेलमेट निकलवा कर ही अंदर भेजता।
इस बात से साफ है कि सुरक्षा में कोताही बैंकों द्वारा बरती जा रही है। उज्जैन में मौजूद गवर्नमेंट तथा प्रायवेट बैंकों को चाहिए कि अपने एटीएम में सुरक्षा गार्ड तैनात करें, क्योंकि अभी लगातार त्यौहारी सीजन आगामी समय में रहेंगे जिसके चलते बैंकों से एटीएम से कैश की डिमांड बढ़ेगी। जिसकी सुरक्षा जरूरी है। क्योंकि बीते दिनों इंदौर में एक बैंक में घुसकर एक अकेले व्यक्ति ने लूट की घटना को दिनदहाड़े अंजाम दिया था। वहां पर भी बैंक में एक भी सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था।
हर बार पुलिस समझाती है, नहीं मानते जिम्मेदार
ऐसा नहीं है कि बैंक के मैनजरों को पुलिस बैंक में सुरक्षा गार्ड रखने का नहीं बोलती हो। हर बैंक के जिम्मेदारों को पुलिस कई बार समझा चुकी है। लेकिन इनके द्वारा इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता। घटना होने के बाद ही बैंक के जिम्मेदारों को आंखें खुलती हैं। हालांकि कई बैंकों में तो दिन में भी सुरक्षा गार्ड लगाये जाने की व्यवस्था की गई है।