सूरत के कलाकार गर्भगृह, नंदीहॉल में फूलों से बनाएंगे भगवान श्री कृष्ण की छवि
उज्जैन, अग्निपथ। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर मेें अनोखे अंदाज में मनाया जा रहा है। बाबा महाकाल के मंदिर में इस बार जन्माष्टमी पर्व पर भगवान हरि और हर के दर्शन श्रद्धालुओं को एक साथ होंगे। महाकाल का दरबार नंद बाबा के आंगन की तरह सजाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन भव्य रूप से करने के लिए उत्साह प्रदेश में दिखाई दे रहा है। बाबा महाकाल के आंगन में भी इस बार खास सज्जा करने के लिए सूरत से कलाकारों का दल उज्जैन पहुंचा है। महाकाल के आंगन में जन्माष्टमी पर्व पर फूलो से सुसज्जित भगवान कृष्ण की छबि के दर्शन भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं को होंगे।
कृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग होने से मंदिर के गर्भगृह और नंदी हॉल में फूलों की साज-सज्जा के लिए सूरत से किशन भाई कपाडिय़ा अपने 6 सदस्यीय दल के साथ यहां पहुंचे है। किशन भाई ने बताया कि इस बार सीएम डॉ. यादव की मंशानुसार श्री कृष्ण जन्मोत्सव की सजावट करने के लिए सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने निवेदन किया था। इसके बाद ही हम 6 कारीगरों के साथ सजावट के लिए पहुंचे है।
जन्माष्टमी पर्व होने से भगवान महाकाल के गर्भगृह में फूलों का सिंहासन, दिवारों पर फूलों की लडिय़ों के साथ ही बाबा का फूलों से बना छत्र और मोर पंख के माध्यम से सजावट होगी। यहां पर फूलों से बनी आकर्षक मटकी भी लगाई जाएगी। नंदी हॉल में फूलों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के दो स्वरूप के दर्शन होगें।
सजावट के लिए अच्छे किस्म के करीब 700 किलो फूल साथ लाए है इनमें चायनीज गुलाब, पिंक गुलाब, अच्छी किस्म की सेंवती, जिप्सी, कामिनी, एरिका पान, कमल और मोर पंख शामिल है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि इस बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार प्रदेश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव पर इस बार भगवान महाकाल की छठी सवारी भी निकलेगी।
हरि और हर के इस पर्व का उल्लास भगवान महाकाल के आंगन में दिखाई देगा। वहीं सोमवार को सवारी होने से दोहरे पर्व के लिए सूरत निवासी किशन भाई से साज-सज्जा के लिए संपर्क किया था। भगवान के आंगन में सजावट के लिए इन्होने भी सहर्ष स्वीकृति दे दी। रविवार से सजावट का काम शुरू किया है।