मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी देर रात के आयोजनों में शामिल होंगे
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। भगवान कृष्ण के सभी धार्मिक स्थलों पर कृष्ण जन्माष्टमी की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली जहां भगवान ने 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखी थी, ऐसे सुप्रसिद्ध सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी के भव्य आयोजन की तैयारियां की गई है।
सांदीपनि आश्रम के प्रमुख पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया कि प्रात: 7 से रात्रि 11 बजे तक श्रद्धालु लाइन में लगकर भगवान के दर्शन कर सकेंगे। आश्रम में संस्कृति विभाग के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर केंद्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। रात्रि 10.30 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जन्माष्ठमी पर्व में शामिल होंगे और भगवान का दर्शन, पूजन और अभिषेक करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ यादव महाआरती में भी शामिल होंगे। श्रद्धालु रात्रि 1 बजे तक भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
नारायणा में भी कई आयोजन होंगे
भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता के प्रसिद्ध स्थल नारायणा धाम, महिदपुर में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जाएगा। 25 से 27 अगस्त तक मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा नारायण धाम में श्री कृष्णा आख्यान की कला अभिव्यक्तियां थीम पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 26 अगस्त को धार के श्वेता गुंजन जोशी और साथी द्वारा भक्ति गायन तथा मथुरा के गिरधर गोपाल शर्मा और साथी द्वारा रासलीला की प्रस्तुति दी जाएगी।
रात 2 बजे तक होंगे गोपाल मंदिर में दर्शन
गोपाल मंदिर उज्जैन के प्रशासक अजय धनके ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारी और कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व एक ही दिन होने से श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह हैं। इस शुभ अवसर पर सोमवार को शाम 6 बजे गोपाल मंदिर पर हरिहर मिलन होगा। रात्रि 10 बजे मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव गोपाल मंदिर में भगवान का दर्शन करेंगे। रात्रि 12 बजे तक भगवान के दर्शन पूजन, अभिषेक और आरती की जाएगी। रात्रि 2 बजे तक भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के पट खुले रहेंगे।
मुकुट, जेवर राजकोट से तो साड़ी बनारस से मंगवाई
श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी पर भगवान केसरिया रंग के वस्त्र धारण करेंगे। मंदिर के मुख्य पुजारी मधुर शर्मा ने बताया कि भगवान के श्रृंगार का निर्माण करने वाले दर्शन कुमरवात की टीम ने भगवान के श्रृंगार की सभी सामग्री को विभिन्न स्थानों से मंगवाई गई है। भगवान के मुकुट और जेवर राजकोट से लाए गए है।
माता रुक्मिणी की साड़ी बनारस से मंगवाई गई है। इसी तरह भगवान के शंख, चक्र, गदा, पद्म का निर्माण नाथद्वार से लाई सामग्री से हो रहा है। भगवान का श्रृंगार मन्दिर पुजारी मधुर शर्मा व पावन शर्मा द्वारा किया जाएगा।
गोपाल मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक अजय ढाकने ने बताया कि 26 अगस्त को मंदिर में संध्या आरती के पश्चात भगवान गोपाल जी का महाभिषेक किया जाएगा। भगवान की जन्म आरती रात 12 बजे होगी। आरती के बाद ही रात्रि दो बजे तक भक्त दर्शन कर सकेंगे।
श्रीकृष्ण बलराम रथ को प्रदेश में निकालने का संकल्प
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश में भगवान कृष्ण के लीलाओं से जुड़े स्थलों के विकास की जो योजना बनाई है, श्रीकृष्ण पाथेय इसी का अनुगमन करते हुये इस्कॉन उज्जैन के स्वामी जी परम पूज्य भक्ति प्रेम महाराज ने श्रीकृष्ण बलराम रथ को मध्यप्रदेश में उन मार्गों पर चलने का संकल्प लिया है,जिस पर से भगवान श्री कृष्णा गुजरे थे विशेष रूप से मालवा क्षेत्र में और मालवा के सभी ग्रामों में यह रथ जाएगा।
इस्कॉन निकालेगा कृष्ण-सुदामा यात्रा
जन्माष्टमी पर इस्कॉन मंदिर उज्जैन से कृष्णा सांदीपनि सुदामा यात्रा 9 बजे से 10 बजे के बीच आरंभ होगी। मध्यप्रदेश में विशेष रूप से उज्जैन में कई यात्राओं का श्रेय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को जाता है।जैसे शिप्रा संस्कृति की यात्रा, कृष्णा सांदीपनि सुदामा यात्रा, उज्जैन परिक्रमा आदि अनेक यात्राओं का उन्होंने प्रवर्तन किया हैं। सन 2009 के आसपास यह यात्रा इस्कॉन से सांदीपनि आश्रम और वहां से नारायणा जो कि भगवान श्री कृष्ण के ही स्थान है, को जोडऩे के उद्देश्य से उन्होंने आरंभ की थी।
इस्कॉन मंदिर में जारी है तीन दिवसीय आयोजन
इस्कॉन मंदिर उज्जैन में 25 से 27 अगस्त तक त्रिदिवसीय जन्माष्टमी उत्सव का आयोजन होगा, जिसमें 26 अगस्त को जन्माष्टमी तथा 27 अगस्त 2024 को नंदोत्सव एवं इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपादजी का अविर्भाव तिथि महोत्सव अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी को प्रात: 7 बजे परम पूज्य भक्ति प्रेम स्वामी जी महाराज के कृष्ण लीला पर प्रवचन होंगे। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए रात्रि 12 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। पूरे दिन भजन कीर्तन चलते रहेंगे।
इस बार एक ही दिन मन रहा है श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि इस बार सूर्योदय के समय 5:15 बजे से मध्यरात्रि 2:20 बजे तक रहेगी। वहीं दोपहर से भगवान के जन्म समय तक रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा। यही कारण है कि अष्टमी तिथि और रोहिणी संयोग होने से दोनों परंपरा को मानने वाले एक ही दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मना रहे है।