जिला अस्पताल के सामान की कलेक्टर ने सितम्बर तक शिफ्टिंग के दे रखे हैं आदेश
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैनवासियों का मेडिकल कॉलेज खुलने की मंशा पर स्वास्थ्य विभाग के सिविल और इलेक्ट्रीक इंजीनियर पलीता लगाने पर तुले हुए हैं। कलेक्टर ने जिला अस्पताल के विभाग और सामान सितम्बर तक शिफ्ट करने के आदेश दिये हुए हैं। लेकिन जिला अस्पताल के दो विभाग शिफ्ट होने के बाद सिविल और इलेक्ट्रीक काम नहीं होने से शिफ्टिंग रुकी हुई है।
मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद उज्जैन में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि हो जायेगी। लेकिन कुछ लापरवाह लोगों के कारण तेजी से होने वाला यह काम अभी तक रुका पड़ा हुआ है। जिला अस्पताल के विभाग और सामान चरक और माधव नगर अस्पताल में शिफ्ट किये जाने हैं, ताकि इसको डिस्मेंटल कर मेडिकल कॉलेज का निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
कलेक्टर नीरजसिंह ने शिफ्टिंग को लेकर सितम्बर तक इसके आदेश दिये हैं। लेकिन यह काम पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। इस पर रोक जेडी आफिस में पदस्थ सिविल इंजीनियर श्री गौड़ और राधा गुर्जर लगा रहे हैं। उनको सिविल और इलेक्ट्रीक के काम करवाने की फुर्सत नहीं है।
जिला अस्पताल के जिम्मेदारों के फोन करने पर बार बार बहानेबाजी की जा रही है। कभी छुट्टी पर तो कभी अन्य कामों में व्यस्त रहने की दुहाई दी जा रही है। ऐसे में शिफ्टिंग का काम चरक और माधव नगर अस्पताल में सिविल और इलेक्ट्रीक के काम पूरे नहीं होने के कारण रुका पड़ा है।
अभी तक केवल दो विभाग शिफ्ट
चरक अस्पताल में तो एक भी विभाग अभी तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है। हालांकि माधव नगर में कैंसर यूनिट और मानसिक रोग विभाग शिफ्ट कर दिया गया है। अब माधव नगर अस्पताल में डायलिसिस विभाग को शिफ्ट किया जाना है, लेकिन यहां पर सिविल और इलेक्ट्रीक काम काम पूरा होना बाकी है। ऐसे में यह विभाग इन कामों के पूरा नहीं होने से शिफ्ट नहीं हो पाया है।
अभी तो कई विभागों को दोनों ही अस्पताल में शिफ्ट किया जाना है। चरक अस्पताल में मर्चुरी रूम सहित कई सिविल और इलेक्ट्रीक के काम पेंडिंग पड़े हुए हैं। ऐसे में शिफ्टिंग सितम्बर माह तक पूरी हो जाना मुश्किल दिखाई दे रहा है।
टीएल बैठक में शिफ्टिंग का मुद्दा छायेगा
मंगलवार को कलेक्टर की अध्यक्षता में टीएल बैठक को आयोजन होगा। जानकारी में आया है कि इसमें शिफ्टिंग का मुद्दा गर्मायेगा। पिछली रोगी कल्याण समिति की बैठक में शिफ्टिंग का मुद्दा रखा जाना था। लेकिन इस पर बात नहीं हो पायी थी। लिहाजा सिविल और इलेक्ट्रीक के काम पूरा नहीं होने की शिकायत भी कलेक्टर से की जा सकती है।