विधायक ने किसान हित में मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कहा-वर्तमान समर्थन मूल्य ऊट के मुंह में जीरा के समान
उज्जैन, अग्निपथ। पीले सोने के नाम से मशहूर सोयाबीन 6000 से 7000 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के भाव से किसानों से खरीदी जाने के आदेश प्रदान करने की मांग को लेकर विधायक महेश परमार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है।
तराना विधायक महेश परमार ने भूमि पुत्र किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा। जिसके माध्यम से कहा कि शासन द्वारा सोयाबीन समर्थन मूल्य 4892 प्रति क्विंटल तय किया गया है जो लागत व्यय और उत्पादन की तुलना में बहुत कम ही हैं। कम से कम शासन द्वारा 6000 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य से सोयाबीन खरीदी की जाना चाहिए।
सोयाबीन फसल की उत्पादन लागत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, जबकि वर्ष 2014-2015 में 4200 से 4300 क्विंटल भाव सोयाबीन के थे। वर्तमान में सोयाबीन प्लांटो की जो खरीदी चल रही हैं या जो सौदे किए जा रहे हैं वो भी 4200 से 4300 रुपए क्विंटल से किए जा रहे हैं। किसानों की लागत और उत्पादन की तुलना में वर्तमान समर्थन मूल्य 4892 ऊट के मुंह में जीरा के समान है।
महेश परमार ने कहा कि वर्तमान में जो सोयाबीन उत्पादक किसान भाई विगत तीन वर्षों से लगातार 3800 से 4000 के भाव मिलने से उनके साथ अन्याय हो रहा हैं। ऐसी स्थिति में उनके नुकसान की भरपाई हेतु 3800 से 4000 रुपए बढ़ा कर 6000 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल किया जाना समय की मांग हैं।
पूर्व में भी किसान भाइयों को भावांतर राशि नहीं मिल सकी हैं। भूमि पुत्रों की इन आर्थिक विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। विधायक परमार ने मांग की कि किसान भाइयों से सोयाबीन की फसल सरकार द्वारा खरीदी केंद्रों पर 6000 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदे जाने के आदेश प्रदान किये जाएं।