सहकारिता निरीक्षक को 10 हजार रुपए रिश्वत के मामले में चार साल की सजा एवं जुर्माना

साल 2017 में सहकारिता निरीक्षक द्वारा किए भ्रष्टाचार के चर्चित मामले में सात साल बाद सजा

उज्जैन, अग्निपथ। भरतपुरी स्थित राजीव लोचन नागरिक सहकारिता के निरीक्षक आरएल नागर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13 (4) के अंतर्गत मंगलवार को चार साल की कैद एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा हुई है। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन द्वारा साल 2017 में प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।

मामला 10 मार्च 2017 का है। मध्यभारत रोडवेज कर्मचार साख सहकारी संस्था के अध्यक्ष संतोष राव कदम द्वारा विशेष्ज्ञ पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय को शिकायत की गई थी कि सहकारिता निरीक्षक आर एल नागर द्वारा 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है। एसपी लोकायुक्त ने कार्रवाई हेतु लोकायुक्त इंस्पेक्टर ईदलसिंह रावत को जांच सौंपी थी।

इंस्पेक्टर रावत ने शिकायत की सत्यता के लिए कदम को शासकीय वॉइस रिकार्डर दिया गया और बताया कि आरएल नागर द्वारा की जा रही मांग को गोपनीय रूप से वॉइस रिकार्डर में रिकार्ड किया जाए। कदम ने आरएल नागर की रिश्वत की मांग को वाइस रिकार्डर में रिकार्ड कर कार्यालय में प्रस्तुत की।

इसके बाद लोकायुक्त ने वाइस रिकार्ड को सुरक्षित रख लिया। इसके बाद विधिवत कार्रवाई करते हुए आरोपी सहकारिता निरीक्षक नागर को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया। विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। आरोपी आरएल नागर के खिलाफ दोषसिद्ध होने पर विशेष न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई एवं जेल भेज दिया गया।

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