मिट्टी की मूर्तियां पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल- विधायक

कलेक्टर-एसपी ने मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमाओं का किया अवलोकन

उज्जैन, अग्निपथ। मिट्टी से निर्मित भगवान गणेश जी की मूर्ति की पूजन का ही धार्मिक महत्व होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी यह बहुत ही आवश्यक है। आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिग और पर्यावरण संतुलन को लेकर चिंता में है तो हमारी भी यह जिम्मेदारी है कि पर्यावरण संतुलन मे अपना दायित्व और धर्म निभाएं।

यह बात विधायक उज्जैन उत्तर अनिल जैन कालूखेड़ा ने बुधवार को नलिया बाखल क्षेत्र में भगवान गणेश की प्रतिमा मिट्टी से बनाने के लिए आयोजित कार्यशाला में कहीं। नगर निगम सभापति कलावती यादव, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा मौजूद थे। कलेक्टर और एसपी ने कार्यशाला में मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई गणेश प्रतिमाओं का अवलोकन किया और उनके कौशल और कला की सराहना की।

कलेक्टर-एसपी ने मूर्तियों पर पेंटिंग भी कर मूर्तिकारों का उत्साहवर्धन भी किया। कलेक्टर ने कहा कि लोकमान्य गणेश उत्सव समिति द्वारा विगत 10 वर्षों से मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं को बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है जोकि सराहनीय हैं। मिट्टी से बनी प्रतिमा पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल है। सभी से आग्रह हैं कि गणेश उत्सव पर अपने घरों में मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा ही विराजित करें।

उन्होंने कहा कि शासन के नीति निर्देशों के तहत मूर्तिकारों को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। विधायक ने कहा कि लोकमान्य तिलक महाआयोजन समिति उज्जैन लगातार इस धार्मिक आयोजन को पूरे उत्साह से मनाता है। हम श्रद्धालुओ से अपील करते हैं कि वह भी इस बार अपने घर पर सिफऱ् और सिफऱ् मिट्टी से बनी मुर्तियां ही बैठाएं और हमारी कार्यशाला में आएं और अपने हाथों से गणेश जी बनाकर अपने घर ले जाए और पुजन हेतु विराजमान कराएं।  इस हेतु आयोजन समिति के सहसंयोजक जगदीश पांचाल से उनके मोबाइल फोन नं 9144193399 पर संपर्क कर सकते हैं।

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