कांग्रेस ने की लोकायुक्त में शिकायत, सुप्रीम कोर्ट से केस जीत गये, अधिकारियों ने केस कमजोर कर हाईकोर्ट में हरा दिया
उज्जैन, अग्निपथ। इन्दौर रोड़ पर इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने (गुलाब की खेती) 3.09 हैक्टेयर जमीन पर हाईकोर्ट के यथास्थिति आदेश के दौरान यशवंत दोहरे, उपायुक्त, हाऊसिंग बोर्ड व उप-पंजीयक भरतपुरी द्वारा षडयंत्रपूर्वक जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई है। जिसमें करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार हुआ।
उक्त आरोप कांग्रेस नेता भरत पोरवाल ने लगाते हुए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को शिकायत कर जमीन मुक्त कराने से लेकर रजिस्ट्री कराने के पूरे मामले की जाँच की मांग की है। भरत पोरवाल ने शिकायत में कहा कि वर्ष 2022 में प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से तात्कालीन जिलाधीश आशीष सिंह ने इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने गुलाब की खेती के नाम से पहचाने जाने वाली जमीन मुक्त कराकर हाऊसिंग बोर्ड को सौंपी थी। हाऊसिंग बोर्ड ने उक्त जमीन पर शिवांगी परिसर के नाम से कॉलोनी विकसित की, जिस पर 10 करोड़ रूपये खर्च किये व लोगों के लाखों रूपये भी जमा है।
भरत पोरवाल ने कहा कि यह जांच का विषय है कि इन्दौर रोड़ पर गोयलाखुर्द में सर्वे क्रमांक 381 व 381/2 की 3.093 हेक्टेयर जमीन हाऊसिंग बोर्ड के कब्जे में थी जिस पर शिवांगी परिसर का निर्माण चल रहा था। इस बीच हाईकोर्ट ने 3 जून 2024 को जमीन का स्वामित्व कैसे कृषक के नाम करने का आदेश निकाल दिया। यशवंत दोहरे ने क्या मदद की केस हारने में जबकि सुप्रीम कोर्ट से केस जीत गये थे। वहीं हाईकोर्ट की डबल बैंच में 24 जून 2024 को रिव्यू पिटीशन दायर थी।
हाईकोर्ट का यथास्थिति में 27 जुलाई 2024 को आदेश हुए। हाईकोर्ट में विचाराधीन था केस 1 माह पहले और 26 जून को उक्त कृषि भूमि की रजिस्ट्री किसी और को कर दी गई। उप-पंजीयक द्वारा व यशवंत दोहरे, उपायुक्त हाऊसिंग बोर्ड ने कोई आपत्ती नहीं ली क्यों?
पोरवाल ने सवाल किया कि तहसील में उक्त जमीन के नामान्तरण में प्रशासन ने व हाऊसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने आपत्ती करने की जगह जल्दबाजी क्यों की? पुलिस अधीक्षक को शिकायत कर भरत पोरवाल ने आरोप लगाया कि यशवंत दोहरे व उप-पंजीयक एवं प्रशासन के अधिनस्थों द्वारा करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार षडयंत्रपूर्वक किया गया है। इसकी निष्पक्ष जाँच कर प्रकरण दर्ज किया जाए।