काम अधूरा, मगर वेतन पूरा..!

उज्जैन। भातपूजा और मंगलदोष निवारण के लिये मंगलनाथ मंदिर प्रसिद्ध है। मंदिर की प्रबंध समिति भी है। प्रशासक भी सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर हैं। कर्मचारियों को मानदेय दिया जाता है। मगर यहां पदस्थ एक कर्मचारी पर प्रशासक कुछ ज्यादा मेहरबान हैं। तभी तो कर्मचारी 15 दिन काम करता है-15 दिन आराम, मगर मानदेय फिर भी पूरा दिया जाता है।

मंगलनाथ मंदिर में लंबे समय से अव्यवस्थाओं ने अपना कब्जा कर रखा है। मंदिर समिति के मुखिया संजीव साहू की अपनी व्यस्तता है। नतीजा प्रशासक नरेन्द्र राठौर ही कर्ताधर्ता हैं। जो कि लंबे समय से कम्प्यूटर आपरेटर ओम ठाकुर पर ज्यादा मेहरबान हैं। यही वजह है कि महीने में 15 दिन अवकाश पर रहने वाले कर्मचारी को भी पूरा मानदेय 8182 रुपये का भुगतान करते हैं।

15 दिन आते हैं

अग्रिपथ के पास मौजूद हाजिरी रजिस्टर की छायाप्रति में यह स्पष्ट दिख रहा है। अगस्त 2019 में 15 दिन गायब, नवंबर में 13 दिन और जनवरी 20 में भी ओम ठाकुर 13 दिन अपने कार्यस्थल हाजिर नहीं थे। नियम तो यही कहता है कि अगर अनुपस्थित हैं तो वेतन काटा जाये। मगर प्रशासक द्वारा बनाये गये मानदेय भुगतान पत्रक में इसका जिक्र ही नहीं रहता है। महीने भर के भुगतान 8182 रुपये की अनुशंसा की जाती है। यह मामला आखिरकार जनवरी में सामने आया। फरवरी में जाकर तहसीलदार नगर द्वारा प्रशासक नरेन्द्र राठौर को नोटिस जारी किया गया है।

अंकुश

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह

मंगलनाथ मंदिर में दान में मिली सामग्री को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मंदिर के गलियारों में यह चर्चा आम है कि मंदिर प्रशासक लाचार और नतमस्तक हैं। अव्यवस्था इस कदर हावी है कि अब कलेक्टर आशीष सिंह को इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। वैसे भी मंगलनाथ मंदिर में आर्थिक अनियमितता के प्रकरण तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने खुद पकड़े थे। नगद राशि तक जब्त की थी। कर्मचारी को जेल भेजा गया था। उस मामले की जांच भी आज तक पूरी नहीं हो पायी है।

आर्थिक अनियमितता

कर्मचारी ओम ठाकुर पर आर्थिक अनियमितता के भी आरोप प्रमाणित हो चुके हैं। 11 दिसंबर 19 को एक नोटशीट लिखी गयी थी। जिसमें यह साफ उल्लेखित था कि…ओम ठाकुर द्वारा केशबुक लिखने एवं राशि जमा करने में आर्थिक लापरवाही की गयी है। जो उनके जवाब से प्रमाणित होती है। अत: नस्ती योग्य आदेशार्थ प्रस्तुत है। कलेक्टर महोदय को। मगर इसके बाद भी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जबकि 10 अगस्त 19 को हुई जांच में यह साबित हुआ था कि केशबुक में 24 हजार 750 रुपये की जगह 19 हजार 200 की इंट्री ओम ठाकुर ने की थी। 5550 रुपये गायब थे। 12 दिसंबर 19 की इंट्र्री में भी 3 हजार रुपये की गड़बड़ी पकड़ी गयी थी।

Next Post

कमल चौहान के घर पहुंचे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह

Mon Feb 22 , 2021
उज्जैन। पूर्व कैबिनेट मंत्री राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव कमल चौहान के निजी निवास पर पधारे। इस अवसर पर कमल चौहान मित्र मंडली द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया तथा आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर चर्चा की। इस अवसर पर विधायक रामलाल मालवीय, […]