शिप्रा नदी में डूबा युवक भैरवगढ़ के समीप मिला

डूबा

उज्जैन, अग्निपथ। भूखी माता मंदिर के समीप शिप्रा नदी में डूबा युवक भैरवगढ़ के समीप नदी से मिला। पुलिस और एसडीआरएफ पिछले चार दिनों से युवक की तलाश कर रहे थे। नदी में डूबने से उसकी मौत हो चुकी थी।

महाकाल थाना पुलिस ने बताया 1 अगस्त शाम 4 बजे एक युवक भूखी माता मंदिर के समीप शिप्रा नदी में डूब गया था। सूचना मिलने पर होमगार्ड और एसडीआरएफ के जवानों के द्वारा नदी में उसकी तलाश की जा रही थी। इस दौरान बारिश तेज होने लगी और शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया। इस वजह से युवक का पता नहीं चल रहा था।

2 अगस्त को भी सर्चिंग अभियान चलाया लेकिन वह नहीं मिल पाया था।बारिश के चलते शिप्रा का जलस्तर बढ़ा हुआ है सभी घाट डूबे हुए हैं। जिसके चलते युवक को खोजने में काफी परेशानी हुई। इधर शिप्रा में भूखी माता के समीप डूबा युवक पानी के तेज बहाव में बहकर भैरवगढ़ से आगे तक पहुंच गया। इसी दौरान पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। भैरवगढ़ क्षेत्र में आबूखाना के पास झाडियों में फंसी युवक की बॉडी मिली।

पुलिस ने शव बरामद कर जिला अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को घाट पर उसके कपड़े से आधार कार्ड मिला था जिससे उसकी पहचान नागदा निवासी तेजपाल पिता चंद्रपाल चौहान के रूप में हुई थी।

इसी आधार पर पुलिस ने परिजनों को सूचित किया। मृतक के मामा मुकेश ने उसकी पहचान उसके गले में पहनी हुई चेन के आधार पर की। पानी में गलकर उसका चेहरा बिगड़ गया था। पुलिस ने रिश्तेदारों की मौजूदगी में पंचनामा बनाकर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

होमगार्ड टीम ने खजुराहो से आये युवक को डूबने से बचाया

उज्जैन, अग्निपथ। डिस्ट्रीक्ट कमांडेंट संतोष कुमार जाट ने जानकारी दी कि गत दिवस रामघाट पर श्रद्धा की डुबकी लगाने आये खजुराहो के युवक शिवम उम्र लगभग 32 वर्ष नहाते समय आरती स्थल के समीप गहरे पानीं में जाने से डूबने लगा, जिससे उसकी सांस फूलने लगी, तभी घाट सुरक्षा में ड्यूटीरत होमगार्ड / एसडीईआरएफ के जवान जितेन्द्र चंदेल ने पानी में डुबकी लगाकर उसे जीवित बचाया।

युवक मानसिक रूप से बीमार है। युवक को बचाने के दौरान सैनिक जितेन्द्र चंदेल घायल हो गया । जिला सेनानी ने बताया कि 24 घण्टे एसडीईआरएफ एवं होमगार्ड की टीम घाट पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिये मुस्तैद रहकर ड्यूटी सम्पादित करते हैं, रामघाट पर तैनात होमगार्ड एवं एसडीईआरएफ के जवानों पर नियंत्रण/पर्यवेक्षण हेतु प्रत्येक दिवस पृथक पृथक प्लाटून कमाण्डर्स की ड्यूटी लगाई गई है। जवानों द्वारा श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोका जाता है व जवान अपनी जान की परवाह किये बिना साहस का परिचय देते हुये श्रद्धालुओं को डूबने से बचाते हैं।

इस प्रकार रामघाट पर घटित होने वाली डूब की घटनाओं में निरंतर कमी आई है।इस साहसिक कार्य के लिये जिला सेनानी ने सैनिक जितेन्द्र चंदेल को पुरूस्कृत भी किया गया।

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