डेढ़ साल में 240 दुष्कर्म, 2019 के बाद नहीं मिली किसी आरोपी को सख्त सजा
उज्जैन, (मोरेश्वर राव उलारे) अग्रिपथ। जिले में दुष्कर्म के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिले में विगत डेढ़ साल में महिलाओं और बच्चियों से दुष्कर्म के 240 मामलों में प्रकरण दर्ज हुए हैं। इनमें से 27 दलित महिलाएं भी दुष्कर्म का शिकार हुई हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिला अभियोजन के पास विगत दो सालों में हुए दुष्कर्म के फैसलों के आंकड़े ही उपलब्ध नहीं है। इधर दुष्कर्म प्लस एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज हुए अपराधों में साल 2019 के बाद दुष्कर्म के किसी भी आरोपी को सजा नहीं मिली है।
कोयला फाटक क्षेत्र में सडक़ पर हुई दुष्कर्म की वारदात ने एक बार फिर शहर को शर्मसार कर दिया। इसके पहले इसी शहर में नाबालिग बालिका से दुष्कर्म हुआ था और वो अद्र्धनग्र अवस्था में 8 किलोमीटर तक पैदल चली थी। यह मामले तो चर्चा में रहे और जनआक्रोश को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। आरोपी पकड़ा गया और उसे जेल भी भेज दिया गया।
आंकड़े बताते हैं कि मानवता को शर्मसार करने वाली दुष्कर्म की ऐसी वारदातें जिले में कहीं ना कहीं रोज हो रही हैं। पुलिस कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार साल 2023 में कुल 136 और साल 2024 में अब तक कुल 104 दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज हुए हैं। इनमें से एट्रोसिटी एक्ट प्लस दुष्कर्म के साल 2023 में 14 और साल 2024 में 13 मामले पंजीबद्ध हुए हैं।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ऐसी वारदातों में पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है। लेकिन आरोपियों को सजा दिलाने के मामले में पुलिस नाकाम हो रही है। मेडिकल रिपोर्ट, फोरेंसिंक जांच, डीएनए टेस्ट सहित तमाम गवाहों और सबूतों के बावजूद दुष्कर्म के मामलों में सजा के आंकड़े 5 प्रतिशत से भी कम है। पुलिस का पक्ष रखने के लिए अभियोजन अधिकारी कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत पेश नहीं कर पा रहे हैं। परिणाम यह है कि सजा के आंकड़ों की अपेक्षा अपराध की संख्या बहुत अधिक हैं।
2019 में हुई थी सख्त सजा
पांच साल पहले 6 जून 2019 की रात भूखी माता मंदिर बायपास के समीप पांच साल की बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या की वारदात हुई थी। ईंट-भट्टे पर बने झोपड़े में रहने वाली पांच साल की मासूम बालिका को उसके दादा-दादी के पास सो रही थी। इसी दौरान एक आरोपी बच्ची को उठाकर ले गया था। उसने पहले बच्ची से दुष्कर्म किया और बाद में उसके सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी थी।
हैवान बन चुके उस आरोपी ने बच्ची के चेहरे पर भी ईंट से वार कर उसका चेहरा बिगाड़ दिया था। इसके बाद शव को शिप्रा नदी में फैंक दिया था। इस मामले में फास्टट्रैक कोर्ट में जिरह हुई थी। कोर्ट ने आरोपी को मृत्यु पर्यंत जेल में रहने की सजा सुनाई थी।
यह दलित बालिका थी जिसके मामले में साल 2019 में सजा हुई थी। इसके अलावा अभियोजन के पास सजा के फैसलों के विगत दो सालों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। उपसंचालक अभियोजन राजेंद्र खांडेगर ने अग्रिपथ से बातचीत में कहा कि वे प्रतिमाह सजा के आंकड़े पुलिस विभाग को सौंप देते हैं।
दो दर्जन से ज्यादा दलित महिलाओं से दुष्कर्म, संपूर्ण मुआवजा एक भी नहीं
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा पिछले दो सालों में दुष्कर्म पीडि़त एक भी महिला या नाबालिग बालिका को मुआवजा नहीं दिया है। दो साल में 27 से ज्यादा दलित महिलाओं से दुष्कर्म हुए जबकि केवल 9 मामलों में कोर्ट में चालान पेश हुए। जिन 9 मामलों में चालान पेश हुए है वे ही प्रकरण मुआवजे की प्रथम किश्त के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग के पास पहुंचे। जिनमें महिलाओं को 1-1 लाख रुपए मुआवजा दिया गया है। सजा होने पर मिलने वाला 4 लाख रुपए का संपूर्ण मुआवजा साल 2019 के बाद किसी भी पीडि़त को नहीं मिला है।
डॉक्टर्स नहीं देते स्पष्ट अभिमत
आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों को कहना है कि विभाग द्वारा उन पीडि़ताओं को मुआवजा राशि दी जाती है जिनके प्रकरण में चालान पेश हो जाते हैं। चालान पेश होने पर पीडि़ता को पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपए मुआवजा दिया जाता है। चालान पेश होने के बाद मेडिकल रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर महिलाओं को मुआवजा दिया जाता है।
लेकिन अधिकांश मामलों में डॉक्टर्स अपना स्पष्ट अभिमत नहीं देतेे ऐसी अवस्था में डीएनए रिपोर्ट आने पर मुआवजा देते है और संपूर्ण मुआवजा आरोपी को सजा होने पर विभाग द्वारा दिया जाता है। विगत 2 सालों से किसी भी पीडि़त महिला को संपूर्ण मुआवजा नहीं दिया गया है।
इनका कहना
कुछ ऐसे मामले होते हैं जिनमें डॉक्टर्स अपना स्पष्ट अभिमत नहीं दे पाते लेकिन डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट से सबकुछ स्पष्ट हो जाता है। इसके अलावा फोरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट, पुलिस की जांच रिपोर्ट और अन्य गवाह सबूतों को आधार बनाकर आरोपियों को कोर्ट में पेश करते हैं।
– ओपी मिश्रा, सीएसपी
रेप को लेकर महिला कांग्रेस का आज धरना प्रदर्शन
आगर रोड पर पन्नी बीनने वाली से रेप मामले में आज मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस सचिव माया राजेश त्रिवेदी के आह्वान पर शनिवार दोपहर 12 बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन में शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया ठाकुर सहित महिला कांग्रेस की समस्त पदाधिकारी और कार्यकर्ताएं उपस्थित रहेंगी। शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी ने बताया कि प्रदर्शन के लिये कांग्रेस भी उनको पूरा समर्थन रहेगा।
जितने प्रकरणों में पुलिस ने चालान पेश किए वे ही हमारे पास आए हैं। उन सभी मामलों में मुआवजे की पहली किश्त जारी कर दी गई है। अब इन मामलों में कोर्ट से अंतिम फैसला अथवा सजा होने पर पीडि़ताओं को संपूर्ण मुआवजा दिया जाएगा।
– दीपक वैश्य, संयोजक, आदिम जाति कल्याण