स्कूल बसें भी जाम मेंं फंस रहीं, हर बार कई दिनों बाद उठवाये जाते
उज्जैन, अग्निपथ। सावन भादौ माह में जिला प्रशासन द्वारा बाबा महाकाल की सवारी हेतु दर्शनर्थियो की सुविधा के लिए लगाए गए बैरिकेड अब मुसीबत का सबब बन रहे हैं। त्योहारी मौसम में व्यस्ततम व्यापारिक क्षेत्र छत्री चौक से लेकर महाकाल मंदिर चौराहा तक रोड के बीच बे-तरतीब पड़े यह बेरिकेड्स कई टू व्हीलर वाहन चालकों, बाहर से आने वाले टूरिस्ट श्रद्धालुओं को घायल कर चुके है। बैरिकेड के स्टैंंड, वाहन चालकों एवं पैदल चलने वालो के पैर में धारदार हथियार की तरह लग रहे हैं।
व्यस्ततम क्षेत्र में तय समय पर आने जाने वाली दर्जनों स्कूल बसों के लिए भी यह रास्ता बड़ी चुनौती भरा बन गया है, क्योंकि कई बसों पर बैरिकेड की रगड़ के निशान बन गए हैं। बस ड्राइवर भयंकर तनावग्रस्त होकर यहां से गाड़ी निकालते हंै। क्षेत्र में बार बार लंबा जाम लगना आम बात है। ऐसा नहीं है कि इस मार्ग से अधिकारी, नेता, जनप्रतिनिधि नहीं निकल रहे हैं। कई बार वे खुद यहां लगे लंबे जाम में फंसकर स्वयं को असहाय महसूस कर चुके हंै । मगर यहां से निकलने के बाद भी वे अपनी जिम्मेदारी भूल जाते हैं ।
एक दूसरे पर थोप रहे बेरिकेड उठवाना
जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्था के लिए लगाए गए बेरिकेड अब खुद अव्यवस्था फैला रहे हैं। ऐसा भी नहीं की बेरिकेड की आवश्यकता नहीं है। वर्षभर विशेष मौके पर इनकी आवश्यकता पड़ती है। मगर समय रहते अगर इन्हें सहेज लिया गया तब ही यह ठीक रहेंगे, वरना वाहनों से टकराकर बार-बार गिरकर बैरिकेट्स भी टूट रहे हैं । प्रशासन को उनके संधारण में पुन: लाखों का खर्च वहन करना पड़ेगा । समय रहते इन बैरिकेड को उठा लेना भ्रष्टाचार को खत्म करने के बराबर होगा ।
क्षेत्रीय व्यापारी संगठनों ने कई बार जन प्रतिनिधियों के माध्यम से अधिकारियों को अवगत कराया है, मगर बैरिकेड उठवाने का कार्य किसका है…. यह नगर निगम, पुलिस एवं जिला प्रशासन के विभाग एक-दूसरे पर थोप रहे हैं।