नियमित जलप्रदाय के लिए कांग्रेस ने किया फिल्टर प्लांट गंभीर डेम का निरीक्षण, भाजपा बोर्ड पर लगाये आरोप

जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा ने कहा-कंपनी का पेेमेंट नहीं किया, इसलिये प्लांट और डेम के खराब पंप नहीं सुधर पाये

उज्जैन, अग्निपथ। भरपूर पानी के बाद भी नगर निगम के भाजपा बोर्ड द्वारा एक दिन छोडक़र किये जा रहे जलप्रदाय का कारण जानने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मुकेश भाटी, नेता प्रतिपक्ष रवि राय के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षदगण गऊघाट स्थित वाटर प्लांट और अंबोदिया डेम स्थित प्लांट पहुंचे। गउघाट पर 11 पंप में 7 खराब पाये गये, अंबोदिया प्लांट पर 3 पंप बंद पड़े हुए थे। ऐसे में शहर की 44 टंकी कैसे भराएंगी। कई वर्षों से ये बंद खराब है जिसके कारण प्रेशर से पानी नहीं मिल रहा।

शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी एवं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 5 महीने से एक दिन छोडक़र एक दिन पानी प्रदाय किया जा रहा है। पहले पानी नहीं का बहाना था, अब महापौर ने कहा कि पंप बंद पड़े हैं। तो पिछले 5 महीने से पंपों को ठीक क्यों नहीं किया। मुख्यमंत्री का गृह नगर पर्याप्त पानी के बाद भी प्यासा है, पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता तो मोटरों से गंदा पानी खिंचाता है, नालियों का पानी पीने को मजबूर उज्जैन शहर की जनता डायरिया, पीलिया, पेट जनित बीमारियों का शिकार हो रही है। खुलेआम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। पीएचई की व्यवस्था ध्वस्त पड़ी हुई है। निरीक्षण के दौरान गउघाट प्लांट के कर्मचारियों ने कहा कि हमें तनख्वाह नहीं मिल रही, हम तो कभी भी काम बंद करके चले जाएंगे।

मुकेश भाटी एवं रवि राय ने बताया कि नगर में टंकियों पर टंकियां बनाई जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि उज्जैन की एक भी टंकी पूरी नहीं भराती। 9 मीटर की यदि टंकी है वह केवल 3 मीटर ही भराती है। 30 प्रतिशत मात्रा ही पानी भरा पाता है। निरीक्षण के दौरान पार्षद छोटे लाल मंडलोई, पार्षद सपना सांखला, इमरान भाई, प्रेमलता रामी, अनवर नागौरी, फिरोज पठान, मेहताब लाला, अर्पित दुबे, जाहिद पहलवान, नाजियाबी सादिक, रमेश परिहार, सतीश मरमट, अरुण वर्मा, सोनिया ठाकुर, राजेंद्र राठौर, वीरेन्द्र गौसर, चंदू यादव, देवव्रत यादव, हिमांशु शर्मा, रोहित चतुर्वेदी, अर्पित यादव, कृष्णा यादव, अर्पण राठौर वरुण शर्मा, संगठन मंत्री अजय राठौर आदि मौजूद रहे।

अधिकारी की उदासीनता के चलते पंप बंद पड़े

इस मामले में जलकार्य समिति प्रभारी और एमआईसी सदस्य प्रकाश शर्मा से पंपों के संधारण के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि भोपाल की सिक्योर कंपनी को पंपों के संधारण कार्य का ठेका दिया गया था। लेकिन कंपनी का पिछला पेमेंट अटका पड़ा है। जिसके चलते कंपनी कार्य करने के लिये तैयार नहीं है। जबकि एमआईसी से इसकी स्वीकृति मिल चुकी है।

महापौर मुकेश टटवाल और उनके द्वारा कई बार निगमायुक्त आशीष पाठक को पत्र लिखकर पंपों के संधारण कार्य करवाने को कहा गया, लेकिन एक साल होने को आया है। इनकी उदासीनता के कारण पंप बंद अभी तक सुधर नहीं पाये हैं। इनके द्वारा पंपों के संधारण कार्य को लेकर कुछ भी कार्य नहीं किया गया। निगमायुक्त द्वारा टाटा कंपनी का पेमेंट भी रोका हुआ है।

हैंडपंप संचालन की ओर भी इनका ध्यान नहीं है। केमिकल की भी कमी बनी हुई है। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा सिलारखेड़ी डेम को विकसित करने, शिप्रा पर डेम बनाने, नर्मदा का पानी लाने सहित गंभीर डेम को विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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