विक्रम विश्वविद्यालय को जल्द ही नए कुलगुरु मिलने की संभावना
उज्जैन, अग्निपथ। प्रो. अखिलेश कुमार पांडे फिलहाल विक्रम विश्वविद्यालय में कुलगुरु के पद का दायित्व संभालेंगे। एक दिन पहले ही राजभवन से नए कुलगुरु की चयन होने की प्रक्रिया तक प्रो. पांडे को ही कुलगुरु पद पर बने रहने के आदेश जारी हो चुके हैं।
ऐसे में जो कयास लगाया जा रहे थे कि सीनियर प्रोफेसर को चार्ज देने के बाद प्रो. पांडे रवाना हो जाएंगे। इन सब पर विराम लग गया है। राजभवन में नए कुलगुरु चयन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। संभव है कि सितंबर अंतिम सप्ताह तक पूर्ण हो सकती है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडे का 4 वर्षीय कार्यकाल 13 सितंबर को आज पूर्ण हो रहा है।
राजभवन से नए कुलगुरु नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकालने के बाद प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इधर, कुछ दिनों से विक्रम विश्वविद्यालय में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि 13 सितंबर को मौजूदा कुलगुरु प्रो. पांडे सीनियर प्रोफेसर को चार्ज देकर रवाना हो जाएंगे। ऐसी सभी चर्चाओं पर बुधवार को राज भवन से नए निर्देश आने के बाद विराम लग गया।
राजभवन से मिले निर्देश में कहा गया है कि विक्रम विश्वविद्यालय में नियमित कुलगुरु की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रो. अखिलेश कुमार पांडे कुलगुरु पद के पर बने रहेंगे। समझा जा रहा है कि नियमित कुलगुरू नियुक्ति की प्रक्रिया सितंबर के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण हो सकती है।
कई प्रोफेसर हैं दावेदार
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु के पद पर बैठने के लिए विक्रम विश्वविद्यालय के ही कई प्रोफेसरों ने राजभवन में आवेदन किया है। प्रारंभिक प्रक्रिया में आवेदनों की छंटनी कर शार्ट आउट किए गए है। प्रक्रिया में देरी होने के कारण ही राजभवन ने नए निर्देश जारी कर प्रो. पांडे को प्रक्रिया पूर्ण होने तक दायित्व संभालने को कहा है। जानकारी के अनुसार इंटरव्यू होने तक सितंबर के अंतिम सप्ताह में ही नए कुलगुरु के आदेश हो सकते हंै। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के अलावा एक कॉलेज प्रोफेसर का नाम कुलगुरु पद के लिए सबसे अधिक चर्चाओं में है। हालांकि प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आदेश आते ही सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।