हवा पानी से डरने लगा था, इंदौर समेत दूसरी जगह इलाज भी करवाया
उज्जैन, अग्निपथ। एक महीने पहले नागझिरी क्षेत्र में रहने वाले युवक पर स्ट्रीट डॉग ने हमला कर उसे हाथ और पैर पर काट लिया था। 20 दिन में ही युवक में रैबीज के लक्षण दिखने लगे। उसका पांच अलग-अलग अस्पतालों में इलाज कराया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई।
गणेश नगर के रहने वाले ऑटो चालक मनोज शर्मा का बड़ा बेटा सोनू शर्मा (17) फैक्ट्री में काम करता था। करीब एक महीने पहले सुबह जल्दी नागझिरी से होकर जा रहा था। इस दौरान वहीं के स्ट्रीट डॉग ने उसे काट लिया। शासकीय जिला अस्पताल में सोनू का इलाज करवाया। करीब 20 दिन बाद तबीयत बिगडऩे लगी। उसे अमलतास, पुष्पा मिशन सहित इंदौर के एमवाय अस्पताल भी ले गए, लेकिन जान नहीं बच सकी।
6 सितम्बर को उसकी मौत हो गई। उसके पिता मनोज शर्मा ने बताया कि 20 दिन बाद ही सोनू हवा और पानी से डरने लगा था। हम उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे। वहां पता चला कि वह रैबीज से संक्रमित हो चुका है। सोनू के पिता मनोज शर्मा ने बताया कि गरीब परिवार से हैं। बेटे का इलाज करने के लिए उन्होंने कर्ज तक लिया था।
दो से तीन सप्ताह में होने लगता है असर
जिला अस्पताल के डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद रैबीज के लक्षण दो सप्ताह से लेकर चार महीने के बीच आ जाता है। रैबीज को डेवलप होने में समय लगता है। ध्यान रखें कि शरीर में मस्तिष्क के जितने पास कुत्ता काटेगा, उतना जल्दी रैबीज फैलने की आशंका रहती है। जैसे, पैर में कम और हाथ में काटने पर जल्द संभावना बनेगी। अगर कुत्ते ने कंधे पर काटा, तो ज्यादा तेजी से फैलने की आशंका होती है। कुत्ते के काटने के बाद पहले घाव को साबुन और पानी से धोकर साफ कर लें। घाव को साफ पट्टी या कपड़े से ढकें। इसके बाद डॉक्टर को दिखाएं।