ई-रिक्शा दो शिफ्ट में चलाये जाने के बावजूद शहर में लग रहा जाम
उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर शहर की सडक़ों पर बेतरतीब दौड़ रहे ई-रिक्शा जाम की परेशानी का सबब बन रहे हैं। अब यहां पर ई-रिक्शा के संचालन की योजना बनाने की जिम्मेदारी उपसमिति को सौंपी गई है। संभावना है कि ऑड-ईवन में रिक्शा का संचालन किया जा सकता है। ताकि शहर की सडक़ों पर ई- रिक्शा की संख्या को कम किया जा सके।
इसी तरह उज्जैन में भी बनाई गई उपसमिति द्वारा दो शिफ्ट में ईरिक्शा चलाये जाने का फार्मूला फेल हो चुका है। व्यस्तत क्षेत्र के अलावा दूसरी जगहों पर इन नियमों को धत्ता बताते हुए ईरिक्शा संचालन हो रहा है। शिकायत तो यह तक आ रही है कि पीले पट्टे वाले ईरिक्शा चालक दूसरी शिफ्ट में भी संचालन करने के लिये पट्टे का कलर बदल रहे हैं। ऐसे में शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था सुधर नहीं पा रही है।
ज्ञात रहे कि शहर में यातायात सुगमता के लिए ई-रिक्शा का संचालन शुरू किया गया था, लेकिन यह अब यातायात में बाधक बन रहे हैं। मुख्य मार्गों पर ई- रिक्शा के कारण जाम की स्थित निर्मित हो जाती है। चौराहों पर एक से अधिक ई-रिक्शा खड़े रहने से पीछे वाहनों की कतार लग जाती है। ऐसे में ई-रिक्शा के व्यवस्थित संचालन के लिए सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में एक उपसमिति बनाई गई थी।
जिसने दो शिफ्ट अलसुबह 3 बजे से दोपहर 2 बजे तक और 2 से रात 3 बजे तक लाल पीले पट्टे आवंटित करवा कर संचालन शुरू करवाया था। लेकिन यह योजना अब फेल साबित हो रही है। क्योंकि इसका पालन नहीं हो रहा है।
इधर इंदौर में उपसमिति एक सप्ताह में ई-रिक्शा के संचालन को लेकर योजना प्रस्तुत करने वाली है, ताकि शहर में यातायात के दबाव को कम किया जा सके। उपसमिति ऑड- ई-ईवन व्यवस्था की सिफारिश करने वाली है। इस व्यवस्था से शहर की सडक़ों पर एक दिन आधे ही वाहन चलेंगे। ई-रिक्शा चालकों को भी इससे फायदा होगा।
ईरिक्शा चालक नहीं बदल पायेंगे नंबर प्लेट
उज्जैन की उपसमिति द्वारा लाल पीले पट्टे आवंटित कर इनका दो शिफ्ट में कलर वाइस संचालन शुरू करवा तो दिया गया था। लेकिन इसमें भी ईरिक्शा संचालकों ने तोड़ निकाल लिया। एक शिफ्ट में चलाने के बाद इसका कलर रेडियम बदल कर दोनों शिफ्टों का लाभ लिया जा रहा है। इसके कारण ईरिक्शा शहर में कम ही नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते जाम की स्थिति पैदा हो रही है। ऑड ईवन फार्मूला लागू होने के बाद ईरिक्शा चालक अपनी नंबर प्लेट नहीं बदल पायेंगे।