अपने आप को दुनिया की नंबर वन कहने वाली पार्टी के कुछ नेता इन दिनों सहयोग निधि की राशि को लेकर सडक़ पर झगड़ा कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ वाकया शहर में घटित हो गया है। एक पूर्व पार्षद स्थानीय मुसद्दीपुरा बाजार में अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता के यहां राशि लेने गए थे।
जिस कार्यकर्ता के यहां वह गए थे उसके पिता ग्रामीण क्षेत्र के कद्दावर नेताओं के शुमार हैं। पूर्व पार्षद ने उन्हें राशि देने से मना कर दिया। बात वाद-विवाद पर पहुंच गई। घटना के बाद पूर्व पार्षद ने अपना आपा खो दिया और कार्यकर्ता जो कि एक साड़ी की दुकान संचालित करता है, उस पर थप्पड़ तक रसीद कर दिया।
यह नजारा देख पूरे बाजार की भीड़ इक_ा हो गई। इस घटना के बाद संगठन स्तर पर भी चर्चा का दौर चल पड़ा है कि क्या इस तरह से जबरिया राशि वसूली की जाएगी। जो कार्यकर्ता राशि देने की इच्छा नहीं रखता है, उसे इस तरह सरेआम बेइज्जत करते हुए मारपीट की जाएगी। कहीं न कहीं इस घटना से विश्व की नंबर वन पार्टी के स्थानीय नेताओं ने उसकी साख पर बट्टा लगाया है। हालांकि पूर्व पार्षद वर्तमान में भी पार्षद पद के लिए टिकट की दौड़ में हैं। किंतु अब उनकी यह घटना ‘प्रकाश’ में आने के बाद थोड़ी तकलीफ जरूर होगी।