रोड क्रास करने में खतरा, यातायात पाइंट बनाया जाना आवश्यक
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल अब चरक अस्पताल में पूरी तरह से संचालित होने लगा है। लिहाजा यहां पर मरीज और भीड़ का दबाव भी बढ़ गया है। लेकिन इसके पास की तिराहा दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है। क्योंकि यहां पर अतिक्रमण पसरा हुआ है। किसी दिन कोई बड़ी वाहन एक्सीडेंट की घटना घटित हो सकती है। यहां पर यातायात विभाग की ओर से कोई व्यवस्था करना आवश्यक हो गया है।
चरक अस्पताल अब 350 की जगह 700 बेड का हो गया है। यहां पर हर तरह के मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है। जिसके चलते यहां पर मरीज और उनके परिजनों की भीड़ लगने लगी है। अस्पताल के गेट के पास ही चाय पाऊच के ठेले बड़ी संख्या में लगे हुए हैं, जिसके चलते एम्बुलेंस को यहां से निकलने में परेशानी होती है, वहीं प्रसूता की जिंदगी भी शीघ्र अस्पताल नहीं पहुंचने पर आऊत में फंसी रहती है।
साथ ही इसके पास क्षीर सागर जाने वाले रोड पर चौपाटी संचालित होती है। यहां पर भी ढेरों ठेले लगे हुए हैं, जिसके चलते वाहनों को यहां से रात में निकालना दूभर हो जाता है।
दूसरी ओर से आना मुश्किल
कोयला फाटक से चरक अस्पताल आने के लिये एक रोड और क्रास करना होती है। यहां पर दुर्घटना संभावित हो जाती है। क्योंकि चामुंडा माता मंदिर की ओर से आने वाले वाहन तेज गति में रहते हैं। ऐसे में काफी लंबा इंतजार वाहन चालकों को करना पड़ता है। एम्बुलेंस को मोडऩा भी मुश्किल भरा हो गया है। ऐसे में यहां पर एक तो स्पीड ब्रेकर बनाने की आवश्यकता है। वहीं दूसरी ओर तिराहा के बीच में यातायात संकेतक लगा दिया जाय तो संभावित दुर्घटन से बचा जा सकता है।